मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के जवाब से उखड़े विपक्ष ने नारेबाजी शुरू कर दी
जनवक्ता ब्यूरो, शिमला
चंबा सीमेंट प्लांट को लेकर बुधवार को विधानसभा में खूब हंगामा हुआ। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के जवाब से उखड़े विपक्ष ने नारेबाजी शुरू कर दी। जवाब में सत्ता पक्ष के कुछ विधायकों ने भी नारेबाजी की। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल के हस्तक्षेप के बाद दोनों पक्ष शांत हुए। नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने उद्योग मंत्री बिक्रम ठाकुर पर चंबा सीमेंट प्लांट के टेंडर हुए बिना ही अक्तूबर महीने में शिलान्यास की घोषणाओं पर एतराज जताया। अग्निहोत्री ने कहा कि दो बार सरकार ने टेंडर आमंत्रित किए लेकिन कोई भी कंपनी इसमें शामिल नहीं हुई। राजनीतिक दबाव में उद्योग मंत्री शिलान्यास की तारीख का एलान करते रहे। स्थानीय सांसद के दबाव में आकर इस तरह की बयानबाजी करने का अग्निहोत्री ने उद्योग मंत्री पर आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि इसी दबाव के चलते 25 किलोमीटर सड़क भी सरकार खुद बनाने में जल्दबाजी दिखा रही है। इस पर मंत्री ने कहा कि टेंडर आमंत्रित किए थे, इसीलिए शिलान्यास की तारीख की बात कही। इच्छुक कंपनियों ने सरकार से सड़क बनाने की मांग रखी। ऐसे में दूसरी बार किए टेंडर में सरकार द्वारा सड़क बनाने की बात कही गई। इसमें कोई भी राजनीतिक दबाव नहीं था। कांग्रेस विधायक आशा कुमारी ने कहा कि सरकार द्वारा तय शर्तों पर कोई भी प्लांट लगाने को तैयार नहीं होगा। सरकार ने सड़क बनाने की डीपीआर तक नहीं बनाई है। पैसा कहां से आएगा। अधिकांश निजी भूमि का अधिग्रहण कैसे होगा। इसको लेकर कोई प्लान नहीं बनाया गया है। सिर्फ सड़क बनाने की बात कहकर गुमराह किया जा रहा है। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा – मैं परेशान हूं विपक्ष की बात सुनकर कि सड़क क्यों बना रहे हो। हमें विपक्ष से पूछकर बोलना पड़ेगा। चंबा में पत्थर मौजूद हैं। सड़क बनकर रहेगी। चंबा के विकास के लिए प्लांट जरूरी है। मुख्यमंत्री के इस बयान पर विपक्ष भड़क उठा और हंगामा करते हुए नारेबाजी करने लगा। कांग्रेस विधायक सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने चंबा सीमेंट प्लांट के टेंडर में हिमाचल में सस्ता सीमेंट देने की शर्त जोड़ने की मांग रखी। उन्होंने कहा कि सड़क सरकार बनाएगी, पत्थर हमारा इस्तेमाल किया जाएगा। प्लांट लगने से मरीज हमारे लोग बनेंगे, फिर भी सीमेंट दूसरे राज्यों को सस्ता और हमें महंगा मिलेगा। इस प्रक्रिया को बदलना चाहिए। उद्योग मंत्री ने सुक्खू की इस मांग पर विचार करने का आश्वासन दिया। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री राजीव सैजल ने बताया है कि अनुसूचित जाति उपयोजना की मानीटरिंग को राज्य स्तरीय कमेटी गठित की जाएगी। विधायक बलवीर सिंह के सवाल का जवाब देते हुए मंत्री ने बताया कि कमेटी गठित करने के लिए मुख्यमंत्री से चर्चा की जाएगी।
उपयोजना के लिए विधायकों से पूछकर प्राथमिकताएं तय हो रही हैं। जिला कमेटियों के माध्यम से विधायकों से सुझाव लिए जाते हैं। इस पर विपक्षी विधायकों ने इस बाबत विधायकों से राय नहीं लेने की बात कहते हुए सरकार को घेरा।