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प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के कार्यान्वयन के लिए बैठक आयोजित

Byjanadmin

Feb 7, 2019


जनवक्ता ब्यूरो, शिमला
अतिरिक्त मुख्य सचिव राजस्व मनीषा नंदा की अध्यक्षता में आज यहां आयोजित एक बैठक में हिमाचल प्रदेश में ‘प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना’ के सफल कार्यान्वयन पर चर्चा की गई। मनीषा नंदा ने कहा कि यह शत-प्रतिशत केंद्र प्रायोजित योजना है और इस योजना के संचालन संबंधी दिशा-निर्देश ंहतपबववचण्दपबण्पद पर उपलब्ध हैं।
उन्होंने कहा कि इस योजना के दिशा-निर्देशों के अनुसार डेटा बेस प्रधानमंत्री बीमा योजना, मृदा स्वास्थ्य कार्ड, सामाजिक आर्थिक और जाति जनगणना का भी उपयोग किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि निदेशक कृषि इस योजना के लिए राज्य नोडल अधिकारी होंगे। राज्य नोडल अधिकारी, प्रधानमंत्री किसान पोर्टल के माध्यम से ‘डीएसी’ के कार्यक्रम प्रभाग को ‘एसएमएफ’ की जिलेवार ई-हस्ताक्षरित सूची प्रस्तुत करेगा।
मनीषा नंदा ने कहा कि इस योजना के तहत एक छोटे और सीमांत भू-धारक किसान परिवार में पति, पत्नी और नाबालिग बच्चों को परिवार के रूप में परिभाषित किया गया है, जो संबंधित राज्य या केंद्र शासित प्रदेश के भूमि रिकॉर्ड के अनुसार दो हेक्टेयर तक सामूहिक रूप से खेती योग्य भूमि के मालिक हैं। उन्होंने कहा कि आउटसोर्सिंग और विभिन्न संसाधनों को जोड़ कर जिला और खण्ड स्तर पर एक अभियान मोड में डेटा प्रविष्टियां की जाएंगी। उन्होंने कहा कि किसानों की विशेषाताओं का आवश्यक डाटा एकत्रित करने के लिए आधार नंबर या किसी अन्य पहचान पत्र जैसे वोटर आईडी या बैंक अकाउंट नंबर की आवश्यकता होगी।
भारत सरकार के कृषि मंत्रालय के संयुक्त सचिव अमिताभ गौतम ने बैठक में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के परिचालन संबंधित दिशानिर्देशों से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि योजना का लाभ चालू वित्त वर्ष 2018-19 के लिए पहली दिसंबर, 2018 से प्रदान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि समान किस्तों में कुल राशि 6000 रुपये प्रतिवर्ष दी जाएगी तथा पहली किस्त 31 मार्च 2019 तक पात्र लाभार्थियों के खातों में जमा कर दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि इस योजना को सभी विभागों और हितधारकों द्वारा समयबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा और किसानों को प्रचार के विभिन्न माध्यमों से इस योजना के बारे में सूचित किया जाएगा।
निदेशक ग्रामीण विकास राकेश कंवर, निदेशक लैंड रिकॉर्ड डी.एस. नेगी, निदेशक कृषि, एनआईसी के वरिष्ठ तकनीकी निदेशक अजय सिंह चाहल, बागवानी विभाग और नागरिक आपूर्ति विभाग के प्रतिनिधि भी बैठक में उपस्थित थे।

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