जनवक्ता ब्यूरो, बद्दी
बसंत पंचमी यानी वाणी की देवी माघ महीने की पंचम तिथि को मनायी जाती है। मान्यता है कि इस दिन पतझड का मौसम खत्म होकर हरियाली शुरू हो जाती है। और पर्यावरण में आने वाले बदलाव को भी सूचित करता है। सर्व सहायता संगठन तथा मानवाधिकार न्याय के सौजन्य से बसंत पंचमी उत्सव का आयोजन किया गया। जिसमें मु य वक्ता के तौर पर वार्ड नं पांच के पार्षद व मानवाधिकार न्याय मंच के प्रदेशाध्यक्ष संदीप सचदेवा उपस्थित हुए। अपने
संबोधन में बसंत पंचमी उत्सव की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि भागवत पूराण के अनुसार देवी सरस्वती की पूजा सबसे पहले भगवान श्रीकृष्ण ने की थी। सचदेवा ने कहा कि इस दिन कोई भी कार्य शुरू किया जाये तो वह निविर्घन पूर्ण होता है। और हमारी हिन्दू संस्कृति में किसी भी शुभ कार्य की शुरूआत हवन के साथ की जाती है। विशेष रूप से आमन्त्रित हिमालया जनकल्याण समिति नालागढ़ के अध्यक्ष आर.एस रणेश राण ने कहा कि आज के दिन को कलम पूजन के नाम से भी जाना जाता है। मां सरस्वती वाणी की देवी है और पत्रकारिता, मीडिया, वाद्य यंत्र, लेखन, छात्र, गायक, न्यूजरीडर, लेखा, टीवी कलाकार, संगीत, अध्यापन, ज्योतिष आदि से जुडे हुए लोगों को आज सरस्वती पूजन अवश्य करना चाहिए। इस अवसर पर सर्व सहायता संगठन के पदाधिकारी कपिल शर्मा, विवेक, कुलभूषण, सन्तोष द्वारा स्कूली बच्चों को पाठ्य सामग्री कॉपी पैन्सिल तथा किताबें भी वितरित की गई।