जनवक्ता डेस्क, बिलासपुर
पूर्व मंत्री व वर्तमान विधायक श्री नयना देवी जी विधानसभा क्षेत्र राम लाल ठाकुर ने हिमाचल प्रदेश विधानसभा के बजट सेशन में चर्चा करते हुए प्रदेश सरकार से कौशल विकास भत्ता योजना को लेकर सवाल पुछा। विधायक ने उद्योग मंत्री से पूछा कि सरकार द्वारा प्रदेश में कार्यान्वित कौशल विकास भत्ता योजना के नियमों में क्या बदलाव किए गए हैं, इसके अंतर्गत विभिन्न श्रेणियों के कितने महिला एवं पुरूष लाभार्थी है तथा गत वर्ष इन पर कितनी धनराशि व्यय की गई। जिस पर सरकार की और से जवाब आया कि योजना के अंतर्गत निजी क्षेत्र के प्राधिकृत सभी आईटी, कंपयूटर प्रशिक्षण संस्थानों को जुलाई, 2018 से जिला स्तरीय समितियों के दायरे में लाया गया है। इसके अलावा जिला स्तरीय समितियों को इन प्रशिक्षण संस्थानों को निरीक्षण करने उपरांत ही योजना के आशय से सिफारिश तथा नवीनीकरण करने के लिए प्राधिकृत किया गया है। जबकि विभिन्न श्रेणियों के कुल 257821 लाभार्थी है जिनमें 149082 महिला एवं 108739 पुरूष लाभार्थी है। अप्रैल 2018 से दिसंबर 2018 तक 39.37 करोड़ की राशि व्यय की गई है।
इसके अलावा ठाकुर रामलाल ने मुख्यमंत्री से बिलासपुर में कृत्रिम झील के निर्माण के लिए कितनी धनराशि स्वीकृत हुई थी, निर्माण कार्य किस विभाग को सौंपा गया था, इसके लिए निर्मण की स्थिति क्या है। जबकि गोङ्क्षबद सागर झील का जल स्तर कम होने पर वाटर स्पोर्टस काम्पलैक्स में चलने वाली खेल गतिविधियां बंद हो जाती है, ऐसे में इन खेल गतिविधियों को वर्षभर सुचारू रूप से चलाने के सरकार क्या कर रही है। जिस पर सरकार की और से जवाब मिला की अभी तक बिलासपुर में कृत्रिम झील के निर्माण के लिए विभाग द्वारा कोई भी धन राशि स्वीकृत नहीं की गई है। जबकि गोबिंद सागर झील में जल स्तर कम होने पर वाटर स्पोर्टस कॉम्पलैक्स के चलने वाली खेल गतिविधियां बंद हो जाती है। जल क्रीड़ा गतिविधियों को सुचारू रखने के लिए विभाग प्रयासरत है। बीबीएमबी के अधिकारियों के साथ प्रदेश के अधिकारियों ने निरीक्षण किया है इस संबंध में बीबीएमबी से आवश्यक अनापत्ति प्राप्त होने के पश्चात कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।