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विश्व बैंक और कोरियन टीम ने हिमाचल प्रदेश में ठोस कचरा प्रबन्धन पर की बातचीत

Byjanadmin

Feb 20, 2019

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जनवक्ता ब्यूरो, शिमला

विश्व बैंक की टीम वरिष्ठ पर्यावरण विशेषज्ञ पियुष डोगरा, ए.एस. हरि नाथ व सलाहकार डॉ. संपत और कोरिया ग्रीन ग्रोथ ट्रस्ट फंड की टीम जिसका नेतृत्व डॉ.ली. डौंग हून चेयरमेन कोरिया स्टूडेंट अल्पाइन फेडरेशन यूनिवर्सिटी सियोल कोरिया, पार्क मिन-सन, जीयून, डिप्टी मैनेजर आईसीएलसीआई गीता संदल ने आज हिमाचल प्रदेश में ठोस कचरा प्रबन्धन पर तकनीकी सहायता के लिए प्रदेश का दौरा किया और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बातचीत की।
पर्यावरण, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के अधिकारियों के साथ टीम ने 19 फरवरी, 2019 को नगर निगम शिमला, वेस्ट टू एनर्जी प्लांट, एनएसी अर्की का दौरा किया और नगरपालिका ठोस अपशिष्ट पर स्थानीय मुद्दों की पहचान की।
बाद में टीम ने मुख्य सचिव बी.के. अग्रवाल को ग्रामीण व शहरी दोनों क्षेत्रों के लिए ठोस कचरे के लिए प्रभावी प्रबंधन रणनीति में राज्य की सहायता के लिए मुख्य बिंदुओं के बारे में जानकारी दी।
आज टीम ने डेस्ट के विशेषज्ञों के साथ आधे दिन की चर्चा की और दोपहर में टीम ने अतिरिक्त मुख्य सचिव पर्यावरण, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी हिमाचल सरकार की अध्यक्षता में एक शिखर सम्मेलन में सभी हितधारक विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक की और ठोस कचरा प्रबन्धन के लिए राज्य सरकार द्वारा सामना की जाने वाली चुनौतियों और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण, वित्तीय संसाधनों आदि के बारे विस्तार से चर्चा की।
इस अवसर पर आरडी धीमान ने कहा कि कोरिया और विश्व बैंक के विशेषज्ञ हिमाचल प्रदेश में ठोस अपशिष्ट समस्या और चुनौतियों के लिए व्यावहारिक समाधान खोजने के लिए पर्यावरण विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग और अन्य हितधारक विभागों के साथ मिलकर काम करेंगे।
आरडी धीमान ने कहा कि बैठक के दौरान आपसी सहयोग के क्षेत्रों की पहचान की गई है। जिसमें हिमाचल प्रदेश में जलवायु क्षेत्र आधारित नगरपालिका ठोस अपशिष्ट प्रबन्धन रणनीति विकसित करना शामिल है। साथ ही सर्वोत्तम प्रथाओं के माध्यम से प्रौद्योगिकी हंस्तातरण, अनुकुलित मॉडल के लिए प्रशिक्षण और नियम पुस्तिका के विकास, ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में ठोस अपशिष्ट पर क्षमता निर्माण और छोटी एवं सूक्ष्म मॉडल आधारित ठोस अपशिष्ट प्रबन्धन सुविधाओं के विकास के लिए वितीय सहायता शामिल है।
पर्यावरण, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के निदेशक डीसी राणा ने बैठक के दौरान कहा कि कोरिया और विश्व बैंक की यह टीम दक्षिण एशिया में तीन देशों पाकिस्तान, नेपाल और भारत में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन का तकनीकी विश्लेषण करेगी और हिमाचल सरकार के साथ काम करेगी।
उन्होंने कहा कि यह विश्लेषण अगले 9 महीनों में पूरा हो जाएगा और उसके बाद ठोस अपशिष्ट प्रबन्धन और इसके लिए नीधि जुटाने के लिए अलग-अलग गतिविधियों को लागू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि टीम कल बद्दी बरोटीवाला नालागढ़ विकास प्राधिकरण (बीबीएनडीए) और उसके बाद धर्मशाला का दौरा करेगी।
सदस्य सचिव हि.प्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड डॉ आर.के. पूर्थी, कोरियाई प्रतिनिधियां प्रोफेसर डॉ ली डौंग हून और चांग क्वो चो ने इस अवसर पर ठोस अपशिष्ट प्रबन्धन पर प्रस्तुतियां दी।
प्रधान मुख्य अरण्यपाल अनिल कपिल, निदेशक ग्रामीण विकास राकेश कंवर, निदेशक शहरी विकास राम कुमार गौतम, अतिरिक्त निदेशक पर्यावरण परवीण गुप्ता और राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों ने बैठक में भाग लिया।

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