जनवक्ता ब्यूरो, शिमला
हिमाचल प्रदेश के मुख्य सचिव बी.के. अग्रवाल तथा राजस्थान के मुख्य सचिव डी.बी. गुप्ता के मध्य आज यहां पौंग बांध विस्थापितों से सम्बन्धित मुददों के निदान के लिए एक द्वि-पक्षीय बैठक आयोजित की गई। बैठक में हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुसार पॉंग बांध विस्थापितों के मुददों पर विस्तार से चर्चा की गई।
हिमाचल प्रदेश के मुख्य सचिव ने बैठक में बताया कि यदि राजस्थान पौंग बांध विस्थापितों को भूमि प्रदान नहीं करती है, तो हिमाचल प्रदेश में ही विस्थापितों के लिए भूमि चयनित कर खरीदे और जिसकी भरपाई राजस्थान सरकार को करनी होगी। इस पर राजस्थान के मुख्य सचिव ने कहा कि वे इस मामले के बारे में राज्य सरकार को अवगत करवाएंगे। उन्होंने कहा कि वर्तमान स्थिति में इतनी बड़ी धनराशि देने में असमर्थ है तथा सरकार का औपचारिक निर्णय हिमाचल सरकार को बता दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार शेष बचे सभी पौंग बांध विस्थापितों को राजस्थान में ही भूमि उपलब्ध करवाएगी। उन्होंने प्रदेश सरकार को आश्वासन दिया कि राजस्थान के पास लम्बित पाए लगभग 2000 से अधिक मामलों को शीघ्र भूमि के प्लॉट उपलब्ध करवा दिए जाएंगे।
राजस्थान के मुख्य सचिव ने कहा कि राजस्थान सरकार ने 800 भूमि के पट्टे विस्थापितों के लिए तैयार कर दिए हैं, जिन्हें दो चरणों में पौंग बांध विस्थापितों को प्रदान किया जाएगा। सर्व सहमति से यह तय हुआ कि 28 फरवरी तथा 11 मार्च, 2019 यह भू पट्टे विस्थापितों को प्रदान कर दिए जाएंगे।
बैठक में मुख्य सचिव बी.के. अग्रवाल ने बताया कि विस्थापितों को शीघ्र भू पट्टे प्रदान करने के लिए प्रयास किए जाएंगे जिसके तहत हिमाचल प्रदेश सरकार व राजस्थान सरकार द्वारा एक कॉमन पोर्टल बनाया जाएगा। इसके अतिरिक्त एक चैक लिस्ट भी तैयार की जाएगी, जिससे राजस्थान के सक्षम वरिष्ठ अधिकारी द्वारा विस्थापितों को भू पट्टा देने से पूर्व सत्यापित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सभी भू पट्टों की जियो मैपिंग करवाई जाएगी।
बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव राजस्व मनीषा नन्दा, सयुंक्त सचिव राजस्व डॉ. के.आर सैजल, उप सचिव राजस्व परवीण टॉक, उपायुक्त (आर एण्ड आर) विनय मोदी, राजस्थान सरकार की ओर से आयुक्त उपनिवेशन विकानेर कुमार पाल गौतम, अतिरिक्त आयुक्त उपनिवेशन विवेक कुमार व अन्य उपस्थित थे।