बिलासपुर में छाया मातम, गांव में नहीं जले चूल्हे
जनवक्ता डेस्क, बिलासपुर
शाहतलाई के गांव घुमारपुर के राकेश कुमार गश्त के दौरान किन्नौर में हिमखंड की चपेट में आने से शहीद हो गए। सूचना मिलने ही क्षेत्र में मातम छा गया है। राकेश कुमार सेना में कार्यरत थे और वर्तनाम में किन्नौर जिला में अपनी सेवाएं दे रहे थे। यहां हिमखंड की चपेट में आने से उनकी भी मौत हो गई।
परिजनों को हादसे की सूचना शाम करीब चार बजे मिला जब किन्नौर से राकेश के पिता को फोन आया। सूचना मिलते ही पिता पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। राकेश अपने माता-पिता की इकलौती संतान थी। राकेश अपने पीछे माता-पिता, पत्नी और बच्चों को छोड़ गए। हादसे की सूचना मिलने के बाद पूरे गांव में चूल्हे नहीं जले। एसपी बिलासपुर अशोक कुमार ने बताया कि मृतक सैनिक शाहतलाई क्षेत्र से संबंध रखता है। कहा कि सैनिक का पोस्टमार्टम कर दिया गया।
वहीं, देर रात जैसे ही पिता चिरंजी लाल को फोन आया तो पूरे परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट गया। हादसे की सूचना पूरे गांव में आग की तरह फैल गई। सूचना मिलते ही लोगों का राकेश के घर पहुंचना शुरू हो गए। वहीं, सूचना मिलने के बाद माता-पिता के आंखों से आंसू थमने का नाम नहीं ल रहे।
जबकि पत्नी बेसुध पड़ी हैं। वहीं, हादसे की सूचना मिलने के बाद घुमारपुर में लोगों के तांता लग गया। पंचायत प्रधान घराण पुनम कुमारी और वार्ड सदस्य रणजीत सिंह ने बताया की सूचना करीब 2 बजे मिली।
राकेश कुमार अपने पीछे पिता चिरंजी लाल, माता कौशल्य देवी, पत्नी ममता देवी, दसवीं कक्षा में पढ़ने वाले बड़े बेटे मनीष और आठवीं कक्षा में पढ़ने वाले विवेक को छोड़ गए। उपायुक्त विवेक भाटिया ने बताया की किन्नौर में हुए हादसे की सूचना परिजनों को दी गई है।
गौर हो कि किन्नौर जिले में भारत-चीन सीमा से सटे दुर्गम क्षेत्र नमज्ञा में गश्त पर निकले सेना के छह जवान भारी हिमस्खलन में दब गए हैं। इनमें एक जवान की मौत हो गई है, जबकि 5 सैनिकों का अभी तक कोई अता-पता नहीं है।