जनवक्ता ब्यूरो, शिमला
वन विभाग के एक प्रवक्ता ने आज यहां कहा कि 15 से 18 फरवरी, 2019 के मध्य राज्य में आयोजित ग्रेट बैकयार्ड बर्ड काउंट (सातवां भारतीय संस्करण) को पूरे प्रदेश में व्यापक भागीदारी मिली है। दा ग्रेट बैकयार्ड बर्ड काउंट एक नागरिक विज्ञान पहल है, जो शौकिया व पेशेवर पक्षी विशेषज्ञ को बेहतर तरीके से पक्षी व उनकी जीव विज्ञान को समझने में योगदान करने के लिए प्रोत्साहित करती है।
प्रवक्ता ने कहा कि इस आयोजन में भाग लेने के लिए न्यूनतम 15 मिनट के बर्ड वाचिंग होती है, इस दौरान देखी गई सभी पक्षी प्रजातियों को गिना तथा सूचीबद्ध किया जाता है। पक्षियों की सूचियों को पक्षी अवलोकन रिकार्ड करने के लिए एक डिजीटल प्लेटफार्म ई-बर्ड पर अपलोड़ किया जाता है, जो वास्तविक समय में इवेंट प्रदर्शित करता है।
प्रवक्ता ने कहा कि हिमाचल में जी.बी.बी.सी के चार दिनों के दौरान 55 प्रतिभागियों द्वारा 287 चेक अपलोड़ किए गए। गिनती के दौरान सभी जिलों में सर्वेक्षण किया गया और 232 पक्षी प्रजातियों को दर्ज किया गया। बर्डिंग स्थानों में वन्य जीव अभयारण्य राष्ट्रीय उद्यान संरक्षण क्षेत्र, गांव और शहरी क्षेत्र शामिल थे। मण्डी, शिमला, कांगड़ा और सिरमौर जिलों में 150 से अधिक पक्षी प्रजातियों को दर्ज किया गया।
पीसीसीएफ वन्य प्राणी डॉ. सविता ने बताया कि वन्य जीव विंग इस तरह के कार्य भविष्य में करता रहेगा और वैष्विक कार्यक्रमों विशेषकर नागरिक विज्ञान परियोजनाओं में भी भाग लेगा। इससे पक्षियों की प्रजातियों व उनकी संख्या को समझने में सहायता मिलेगी। उन्होंने कहा कि इस बारे एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जा रही है, जिसे मार्च के पहले सप्ताह में जारी कर दी जाएगी।
प्रवक्ता ने कहा कि इस पहल को सफल बनाने में संयुक्त सचिव वन सतपाल धीमान, मुख्य अरण्यपाल वन (मुख्यालय) नागेश गुलेरिया, मुख्य अरण्यपाल वन्य जीव दक्षिण सुशील कापटा, डीएफओ (मुख्यालय) एनपीएस धौलटा सहित विभाग के वरिष्ठ अधिकारी ने सहयोग दिया।