• Wed. Nov 27th, 2024

पूरे जगतपुर गांव को रुला गया भारतीय सेना का रणबांकुरा

Byjanadmin

Mar 3, 2019


शहीद को अंतिम विदाई देते राजेश ऋषि के पिता व सेना तथा पुलिस के अधिकारी


शहीद के पिता को ढांढस बंधाते एडीएम सोलन विवेक चंदेल
हर घर गमगीन व हर आंख में आंसू, नहीं जला किसी घर में चूल्हा
परिवार का एकमात्र कमाने वाला वीर सिपाही ऋषि पंचतत्व में विलीन

पत्नी को नहीं पता अचानक कैसे सो गया चमकता सितारा

जनवक्ता ब्यूरो, नालागढ
आज नालागढ़ उपमंडल के सबसे बडे गांवो में से शुमार जगतपुर उर्फ जोघों गांव का हर घर रो रहा था। बडे बुजुर्ग बच्चे व महिलाओं में भी मातम का माहौल। इस गांव ने अपना एक होनहार बेटा ही नहीं देश की सीमाओं की रक्षा करता एक भारतीय सैनिक खोया था। किन्नौर में हुए हिम स्खलन में वीर सैनिक राजेश ऋषि लापता हो गया था जिसका पता शुक्रवार रात्रि सेना को पता चला तो उन्होने परिजनों को सूचित किया। आज सुबह ही सेना का काफिला मेजर राहुल ठाकुर डोगरा रेजीमेंट व सैनिक वैल्फेयर बोर्ड के उप निदेशक मेजर दीपक ध्वन की अध्यक्षता में पहुंचा तो गांव में मानों आंसुओं का सैलाब आ गया। हर आंख गमगीन थी वहीं किसी के भी घर में सुबह से चूल्हा नहीं जला था। जले थे तो एक अपंग मां बाप के अरमान व एक नई नवेली दुल्हन की मांग का सिंदूर व उसके सपने। राजेश ऋषि की शादी दिसंबर में हुई थी और वह जिस दिन गलेशियर में फंसा था उसी दिन उसकी अपनी अर्धांगनि से बात हुई थी। घर में लाचार मां बाप के बुढापे का अकेला वही सहारा था वहीं उसका बडा भाई एक कारखाने में दिहाडीदाड के तौर पर कार्य करता है। ऋषि की अंतिम यात्रा में उसको श्रद्वासुमन अर्पित करने के लिए समस्त जगतपुर गांव ही नहीं नहीं बल्कि पूरे बीबीएन से जनसैलाब उमड गया था। अंतिम संस्कार घाट पर तिल धरने की भी जगह नहीं थी और उसकी दो किलोमीटर लंबी शव यात्रा में शरीक होने के लिए लोग पैदल पहुंचे। पूरे रास्ते में राजेश ऋषि अमर रहे अमर रहे, ऋषि तेरा बलिदान नहीं भूलेगा हिंदूस्तान, भारत माता की जय व वंदे मातरम के जयघोष गूंजते रहे। हिमाचल पुलिस व सेना ने बाकायदा आसमानी फायर कर अपने जाबांज हीरों को अंतिम विदाई दी।

नहीं पहुंचा कोई भी मंत्री
शुक्रवार शाम को राजेश ऋषि का शव किन्नौर में बरामद होने की सूचना मिल गई थी लेकिन तीन दिन बाद भी कोई मंत्री व नेता उसको श्रद्वासुमन अर्पित करने नहीं पहुंचा जिसकी चर्चा होती रही। दून व नालागढ़ दोनो विस के विधायकों के अलावा एडीएम सोलन विवेक चंदेल प्रशासन की ओर से श्रद्वांजलि देने पहुंचे थे।

अब शहीद के नाम से जाना जाएगा गांव

अभी तक नालागढ़ का जगतपुर गांव दो बार विधायक बने व वर्तमान विधायक लखविंद्र राणा के नाम से जाना जाता था लेकिन अब इस गांव में एक ऐसा नाम जुड गया जिसको वह सदियों तक नहीं भुला पाएंगे। गांववालों ने किसी स्कूल या बडे संस्थान का नाम शहीद राजेश ऋषि के नाम से रखने की मांग भी उठाई।

विधायक ने पीडीत परिवार को मांगी सरकारी नौकरी

नालागढ़ के विधायक जो कि इसी जगतपुर गांव से ताल्लुक रखते हैं ने शहीद के परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग उठाई। पूर्व विधायक व जिला भाजपा प्रधान के एल ठाकुर ने बताया कि इस मुददे को हम सरकार व सीएम के पास उठाएंगे कि एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी अवश्य मिले।

परिवार गहरे सदमें में
राजेश ऋषि तो चला गया लेकिन उसका समस्त परिवार तो गहरे सदमें चला गया। घर से जैसे ही उसका शव शमशान की ओर चला तो मां का तो मानो कलेजा फट गया हो और वो सडक मे ही अचेत होकर गिर गई। उसकी नवविवाहिता का तो मानो पूरा संसार व नए जीवन जीने के सपने शीशे की तरह टूट हो गए हों। उसकी हाथों की मेंहदी भी नहीं सूखी थी। अपंग व बीमारी से पीडीत पिता जिसको कम दिखता व सुनता है पथराई आंखो से अपने लाल को जिगर पर पत्थर रखकर अंतिम विदाई दे रहा था। पिता ने सेना और प्रशासन की ओर से लाए गए गुलदस्ते अपने बेटे की अर्थी पर चढाए तो हर किसी की आंखो से आंसू निकल आए कि ऐसा दिन कभी किसी पिता के जीवन में न आए। उसके गांव के यार दोस्तों में अपने जिगरी यार व होनहार देव तुल्य ऋषि के जाने का गम साफ दि ा रहा था। सेना की ओर से उसकी रेजीमेंट में शािमल सूबेदार दीपक राणा ने अपने साथी को भारी मन से श्रद्वासुमन अर्पित किए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *