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मंडी में प्रसिद्ध अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव का आगाज

Byjanadmin

Mar 5, 2019

सीएम जय राम ठाकुर ने किया इसका विधिवत उद्घाटन

जनवक्ता ब्यूरो, मंडी
हिमाचल प्रदेश की छोटी काशी मंडी में मंगलवार को प्रसिद्ध अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव का आगाज हो गया। सीएम जय राम ठाकुर ने इसका विधिवत उद्घाटन किया। सात दिन तक चलने वाले इस महोत्सव में हिमाचल की कला, संस्कृति के अलावा कई रंग देखने को मिलेंगे। मंडी शहर के राजा माधव राय की पालकी एक भव्य जलेब के रूप् में निकली और जिसमें मुख्यमंत्री सहित अन्य कई मंत्रियों ने भी भाग लिया। सीएम सबसे पहले राजा माधव राय की पूजा की और उसके उपरांत इनकी पालकी को शोभायात्रा में सबसे आगे चलाया गया। दरअसल, शिवरात्रि महोत्सव आज जिला या प्रदेश स्तर पर नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना चुका है. इसकी सही शुरूआत की तो किसी को जानकारी नहीं, लेकिन यह सच है कि शिवरात्रि महोत्सव का मंडी रियासत के राज परिवार के साथ गहरा नाता है. जब तक मंडी शहर के राजा माधव राय की पालकी नहीं निकलती, तब तक शिवरात्रि महोत्सव की शोभायात्रा नहीं चलती. राज माधव राय भगवान विष्णु या कहें कि भगवान श्रीकृष्ण का ही रूप हैं। बताते हैं कि 17वीं सदी के दौरान मंडी रियासत के राजा सूरज सेन के सभी 18 पुत्रों की मौत हो गई और उन्होंने अपना राजपाठ भगवान श्रीकृष्ण के रूप यानी राज माधव राय के नाम कर दिया और खुद सेवक बन गए. यही कारण है कि जब भी इस महोत्सव की शुरूआत होती है तो सबसे पहले राजा माधव राय की पूजा होती है। पुजारी कहते हैं कि शिवरात्रि महोत्सव को लेकर एक मान्यता यह भी है कि यह एक ऐसा महोत्सव है जिसमें शैव, वैष्णव और लोक देवता का संगम होता है. शैव भगवान शिव को कहा गया है, वैष्णव भगवान श्री कृष्ण को और लोक देवता देव कमरूनाग को. इन तीनों की अनुमति के बाद ही मंडी का शिवरात्रि महोत्सव शुरू होता है. इतिहासकार बताते हैं कि राजाओं के दौर में वर्ष में एक बार यानी शिवरात्रि के दौरान मंडी रियासत के सभी ग्रामीण अपने ग्राम देवताओं के साथ राजा से मिलने आते थे. इस दौरान वर्ष भर का लेखा-जोखा भी होता था और शिवरात्रि का उत्सव भी मनाया जाता था. धीरे-धीरे इस महोत्सव का स्वरूप बदलता गया। राजाओं के राज समाप्त हुए और आज इस महोत्सव का विकसित रूप मंडी के ऐतिहासिक पड्डल मैदान में देखने को मिलता है. अब इस महोत्सव की सारी बागडोर जिला प्रशासन के पास आ गई है। जिले के उपायुक्त इसके चेयरमैन होते हैं और उन्हीं की देखरेख में यह सारा महोत्सव आयोजित होता है।

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