आचार्य देवव्रत ने की अंतरराष्ट्रीय शिवरात्री महोत्सव के समापन समारोह की अध्यक्षता
जनवक्ता डेस्क, बिलासपुर
राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने सोमवार को सप्ताह भर आयोजित अंतरराष्ट्रीय मण्डी शिवरात्रि महोत्सव के समापन समारोह की अध्यक्षता करते हुए कहा कि मेले और त्यौहार हमारे जीवन के अभिन्न अंग हैं जो हमें हमारी समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर का सम्मान करने और इन्हें संरक्षित करने के लिए प्रेरित करते हैं। उन्होंने कहा कि इनका आयोजन केवल औपचारिकता के लिए नहीं होना चाहिए बल्कि हमें इनके माध्यम से परिलक्षित होने वाली परम्पराओं के संरक्षण के लिए आगे आना चाहिए क्योंकि ये हमारे देश एवं राज्य की अमूल्य सांस्कृतिक विरासत के प्रतीक हैं।
उन्होंने कहा कि भगवान शिव मानव कल्याण का प्रतीक हैं और उनके नाम पर मनाया जाने वाला यह त्यौहार मानव आस्था को प्रदर्शित करता है। उन्होंने कहा कि भगवान का स्वरूप एक है लेकिन उन्हें विभिन्न रूपों में पूजा जाता है। ईश्वर हमें एकजुटता, प्रेम और सद्भावना से रहने का महान संदेश देते हैं। उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि धर्म के नाम पर आतंकवाद फैलाया जा रहा है जबकि धर्म का संदेश मानवता की सेवा करना है।
आचार्य देवव्रत ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के मेले और त्यौहार अपने आप में अद्भुत हैं क्योंकि ये प्रदेश की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर के प्रतीक हैं। लोगों को इनमें पूरी ऊर्जा और जोश के साथ बढ़-चढ़ कर भाग लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह हर व्यक्ति की जिम्मेदारी है कि वह समाज से बुराइयों को मिटाने में अपना योगदान दे। उन्होंने युवाओं का आह्वान किया कि वे प्रदेश की समृद्ध संस्कृति का संरक्षण करें ताकि इन्हें भावी पीढ़ियों के लिए बचाया जा सके।
राज्यपाल ने इस मेले का आयोजन ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ विषय पर रखने के लिए मेला समिति को बधाई दी और कहा कि हमारी बेटियां विकास के हर क्षेत्र में अहम योगदान दे रही हैं। वे घर की रौनक होती हैं तथा हमें प्रण लेना चाहिए कि हम बेटे व बेटी में कोई भेदभाव न रखें।
आचार्य देवव्रत ने इस अवसर पर सभी से नशे दे दूर रहने का आह्वान भी किया।
उन्होंने मेले के दौरान आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरस्कार वितरित किए।
इस अवसर पर रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए गए।
इससे पूर्व राज्यपाल ने जलेब में भाग लेने से पहले माधोराय मन्दिर में पूजा-अर्चना की। जलेब में लोगां ने अपने देवी-देवताओं की पालकियों के साथ भाग लिया। बारिश के बावजूद लोगां ने शोभायात्रा में भारी संख्या में भाग लिया।
इस अवसर पर स्थानीय लोग रंग-बिरंगे परिधानों में देवी-देवताओं की पालकियों के साथ पड्डल मैदान पहुंचे।
उपायुक्त एवं मेला समिति के अध्यक्ष ऋगवेद ठाकुर ने राज्यपाल का स्वागत किया तथा मेले के दौरान आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों की जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि इस वर्ष केवल चार सांस्कृतिक संध्याएं आयोजित की गईं जबकि दो संध्याओं की धनराशि शहीदों के परिवारों तथा एक सांस्कृतिक संध्या की धनराशि ‘सैनिक शौर्य’ के नाम से सैनिकां को समर्पित की गई।
नगर परिषद मण्डी की अध्यक्षा सुमन ठाकुर तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति भी इस अवसर पर उपस्थित थे।