अपनी संगीत को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ले जाना चाहती है मीरा चंदेल
संगीत की दुनिया में हिमाचल का नाम रोशन करना चाहती है
जनवक्ता डेस्क, बिलासपुर
देव भूमि हिम कला मंच शिमला द्वारा आयोजित प्रतियोगिता का ग्रन्ड फिनाले रविवार को शिमला के गिएटी में हुआ जिसमें प्रदेश भर से आये प्रतिभागियों की कड़ी टक्कर देते हुए यह खिताब मीरा चंदेल ने अपने नाम किया
मीरा चंदेल ने बताया कि मूलत वह बैजनाथ की रहने वाली है उनके पिता पेशे से स्कूल में अध्यापक है।
संगीत का माहौल घर से ही मिला है उनके पिता खुद संगीत सौकीन है। उन्होंने एमए कर रखी है पिता जी ने मीरा को संगीत का सौक बचपन से था लेकिन सीखना अभी से शुरू किया।
कांगड़ा जिला के बैजनाथ कि गायिका मीरा चंदेल ने पहली बार राज्यस्तरीय ख़िताब प्राप्त किया उन्होंने इसका श्रेय अपने पिता को दिया है। वॉइस ऑफ देवभूमि सीजन 2 में अंतिम 10 में जगह बनाने के लिए मीरा चंदेल ने पिछले माह शिमला में हुए आरंभिक राउंड में कड़ी मेहनत की मीरा ने सभी गायकों को पिछ्ये छोड़ते हुए वॉइस ऑफ देवभूमि सीजन 2 का खिताब जीता मीरा चंदेल ने कहा की उन्हें संगीत विरासत में मिला है। पपरोला में एक शिक्षक परिवार में पली बढ़ी मीरा के पिता बुद्धि सिंह जो संगीत से जुड़े हैं ।उन्होंने अपनी बेटी मीरा को घर में संगीत की तालीम दी मीरा ने बताया कि उन्होंने स्कूल में ही मंच पर गाना आरंभ कर दिया था इससे पहले वर्ष 2016 में हिमाचल की आवाज प्रतिस्पर्धा में मीरा रनअप रही । सारेगामा इंडियन राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के लिए उसने तैयारी की लेकिन सफल नहीं हो पाई पीर भी बो निराशा नही हुई इऔर अपने संगीत साधना को जारी रखा ।।वॉइस ऑफ देवभूमि सीजन 2 के निर्णायक मास्टर सुरेश ने उन्हें एक तैयार सिंगर की संज्ञा दी जो कि राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय स्पर्धा में भाग ले सकती है मीरा चंदेल से जब उनकी महत्वाकांक्षा के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि वह एक पेशेवर गायिका बनना चाहती है और पिछले 3 सालों से अपने लक्ष्य के प्रति गंभीर है।उन्होंने बताया कि उन्होंने छोटी उमर से ही संगीत में कदम रख दिया था और आज तक ना जाने कितने जिला स्तर और राष्ट्रीय स्तर पर अवार्ड ले चुकी है । बो अपनी अबाज का जादू अब अंतरास्ट्रीय स्टार पर ले जाना चहाती है।ताकि हिमाचल का नाम ।संगीत की दुनिया में आगे बढ़ सके। मुख्य अतिथि के रूप में महापौर शिमला नगर निगम कुसुम सदरेट ने अपनी भूमिका निभाई, हिमुडा के चेयरमैन गणेश दत्त, डीएलओ शिमला त्रिलोक रघुवंशी , उप महापौर राकेश पार्षद विदुषी शर्मा समाज सेविका रूपा शारदा, समाज सेविका प्रेम मोहिनी गुप्ता सहित अन्य गणमान्य भी उपस्थित रहे। निर्णायक मंडल में अच्छर सिंह परमार, मनोज तोमर, भूपेंद्र शर्मा, अश्वनी शर्मा व मास्टर सुरेश , नृत्य निर्णायक मंडल में किरण कश्यप, प्रीति कोमर ने सेवाएं दीं।