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प्रमुख स्वतन्त्रता सेनानी स्वर्गीय रमेश चंद्र शर्मा की 91वीं जयंती मनाई गई

Byjanadmin

Mar 18, 2019

स्वतन्त्रता आंदोलन में उनके द्वारा निभाई गई भूमिका की सराहना की

जनवक्ता डेस्क बिलासपुर
आज नगर के चंगर सैक्टर में स्वतन्त्रता सेनानी स्मारक पार्क में प्रमुख स्वतन्त्रता सेनानी और राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के संस्थापक अध्यक्ष स्वर्गीय रमेश चंद्र शर्मा की 91 वीं जयंती पर समाज के विभिन्न वर्गों के दर्जनों प्रतिनिधियों ने एकत्रित होकर उनकी मूर्ति पर पुष्प मालाएँ और पुष्प गुच्छ भेंट करके उन्हें श्रद्धांजली भेंट की जबकि उन सहित प्रदेश भर के सभी स्वतन्त्रता सेनानियों को भी उनके अभूतपूर्व बलिदानों के लिए श्रद्धांजली भेंट की | इस अवसर पर अन्यों के अतिरिक्त श्रद्धांजली भेंट करने वालों में स्वतन्त्रता सेनानी एवं स्वर्गीय रमेश चंद्र शर्मा के साथ प्रजामंडल आंदोलन में सहयोगी रहे तथा अब एल्डर सिटीजन एसोसिएशन के प्रधान आर एल शर्मा , हिमाचल प्रदेश पत्रकार महासंघ के राज्य अध्यक्ष जयकुमार , राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के पूर्व राज्य अध्यक्ष रामसिंह , राज्य कर्मचारी परिसंघ के राज्य अध्यक्ष अमरनाथ खुराना ,प्रमुख समाज सेवी ओ पी गर्ग और पुरुषोतम शर्मा , वरिष्ठ अधिवक्ता अमृत लाल नड्डा, अधिवक्ता होशियार सिंह ठाकुर , अधिवक्ता अर्चित संत , अधिवक्ता सुशील कुमार , अभिषेक मिश्रा , क्रान्ति कुमार, अरुण शर्मा , एंजिनियर एन आर शर्मा , विवेक शर्मा , अनूप शर्मा , शिव दयाल शर्मा , अशोक कुमार शर्मा , के आर गर्ग , चम्पा देवी , निर्मला शर्मा , मनोरमा जय , सुदेश शर्मा , सोनिका शर्मा , शशि गर्ग, अनीता शर्मा उमा शर्मा , और स्वर्गीय रमेश चंद्र शर्मा के दोनों सुपुत्रों अरविंद शर्मा और अनूप शर्मा आदि उपस्थित थे | स्मरण रहे रमेश चंद्र शर्मा ने अपने शिक्षण काल से लेकर ही उस समय बिलासपुर रियासत और हिमाचल प्रदेश में स्वतन्त्रता प्राप्ति के लिए चलाये जा रहे आंदोलन में बढ़ चढ़ कर भाग लिया था |जिसके परिणाम स्वरूप उन्हें बिलासपुर रियासत के अंतिम शासक राजा आनंद चंद की यातनाएं झेलनी पड़ी थी | स्वतन्त्रता प्राप्ति के बाद रमेश चंद्र शर्मा ने हिमाचल प्रदेश में उपेक्षित व निराशित समझे जाने वाले प्रदेश भर के लाखों कर्मचारियों को एक मंच पर लाकर राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ की स्थापना करके 1980 में कर्मचारियों के हितों की रक्षा और उन्हें पंजाब स्तर पर वेतन भत्ते दिलवाने के लिए एतिहासिक आंदोलन का नेत्रत्व किया था और कर्मचारियो का शोषण समाप्त कराने में अपने अन्य सहयोगी कर्मचारी नेताओं के साथ अग्रणी भूमिका निभाई थी |

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