उनकी मांग नहीं मानी तो त्याग पत्र दिये जाने की दी धमकी
जनवकता डेस्क, बिलासपुर
बिलासपुर में जहां पूर्व सांसद सुरेश चंदेल को सोशल मीडिया पर कांग्रेस पार्टी की ओर से उम्मीदवार बनाए जाने की खबरों से राजनैतिक माहौल पूरी तरह गर्म है वहीं इससे पहले ही विरोध के स्वर भी फूटने शुरू हो गए हैं । जिला कांग्रेस पार्टी के नेताओं व कार्यकर्ताओं ने टिकट मिलने से पहले ही विरोध करना शुरू कर दिया है । कांग्रेस के इन नेताओं ने स्पष्ट करते हुए कहा है कि वह पूर्व सांसद सुरेश चंदेल को टिकट दिए जाने पर कड़ा विरोध करेंगे और स्वारघाट पहुंचने पर उन्हें काले झंडे भी दिखा कर विरोध करेंगे । सदर विधानसभा क्षेत्र से , , कुलदीप कुमार, जिला कांग्रेस सचिव अवदेश कुमार, कपिल गौतम युवा कांग्रेस सचिव लोक सभा क्षेत्र सचिव, अमीचंद शर्मा जिला कांग्रेस सचिव , रोशन लाल सचिव सदर ब्लाक कांग्रेस, चंपा देवी,रूप लाल , दीप राम, शंकुतला देवी प्रधान ब्लाक महिला कांग्रेस, नरेंद्र ठाकुर जिला कांग्रेस सचिव सहित अन्य कितने ही प्रमुख नेताओं का कहना है कि जिला कांग्रेस के सभी कर्मठ कार्यकर्ता एकजुट होकर सुरेश चंदेल को कांग्रेसपार्टी में प्रवेश दिये जाने का कड़ा विरोध करेंगे और यदि कांग्रेस आलाकमान के कुछ नेताओं ने चंदेल को कांग्रेस का उम्मीदवार बनाया तो बिलासपुर की सीमा झंडों के साथ सभी कांग्रेस जन भारी विरोध करेंगे | जो नेता चंदेल को उम्मीदवार बनाने की पैरवी कर रहा है उसको भी विरोध का जबरदस्त सामना करना पड़ेगा । उन्होने राष्ट्रिय पार्टी नेत्रत्व से मांग की है कि ऐसे नेताओं के ऊपर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए । जो धूमल परिवार के साथ मिलकर हमीरपुर लोकसभा चुनाव क्षेत्र में कांग्रेस जनों का मनोबल गिरा रहे हैं । इन नेताओं का कहना है कि सुरेश चंदेल की पैरवी में वह कांग्रेस के नेता कर रहे हैं जिनकी मदद विधानसभा चुनावों में धूमल परिवार ने की है | कांग्रेस हाईकमान को कोई भी फैसला आंखें बंद करके नहीं करना चाहिए क्यूँ कि वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव में जिस चंदेल के खिलाफ पूरे प्रदेश में भाजपा का भ्रष्टाचार की सीडी बनाकर जगह जगह दिखाई गई थी और जिस कारण भाजपा के उम्मीदवार के रूप में सुरेश चंदेल को हार का सामना करना पड़ा था । लिहाजा इसे न तो कांग्रेस पार्टी में ही शामिल किया जाए और न ही टिकट दिया जाए , अन्यथा इसकी जिम्मेवारी कांग्रेस में शामिल करवाने वाले नेता की होगी । उनका कहना था कि यदि आलाकमान ने कांग्रेस के सच्चे सिपाही की आवाज को अनदेखा किया तो वह सभी पुराने और कर्मठ कार्यकर्ता अपने अपनेपदों से त्यागपत्र दे देंगे और कांग्रेस पार्टी के पास नेता नहीं बचेंगे और पार्टी यहाँ खत्म प्राय होकर रह जाएगी जिसका सीधा असर 2022 के चुनावों पर भी साफतौर पर देखने को मिलेगा।