हिमाचल प्रदेश में अब यातायात नियमों की अनदेखी कर फोन पर सिफारिश के सहारे काम चलाने का सिलसिला पूरी तरह से खत्म हो जाएगा। पुलिस विभाग ने चालान करने वाले पुलिस अधिकारियों और ग्रेजुएट कांस्टेबल को चालान काटते समय फोन न सुनने के सख्त निर्देश जारी कर दिए हैं। इससे अब पुलिस जवानों को भी अपनी ड्यूटी करने में किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं होगी। वहीं, पुलिस विभाग के ग्रेजुएट कांस्टेबल को चालान की शक्ति प्रदान करने से मात्र दो माह के भीतर ही 15 हज़ार चालान किए गए हैं। पुलिस महानिदेशक डीजीपी सीता राम मरड़ी ने नियमों की धज्जियां उड़ाने पर शिकंजा कस दिया है। प्रदेश में नियमों की अवहेलना करने वाले लोगों के खिलाफ अब कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। पुलिस विभाग ने यातायात नियमों का सख्ती से पालन करने के लिए मास्टर प्लान तैयार कर लिया है। इसके तहत पुलिस जवानों को चालान करते समय किसी का भी फोन सुनने की मनाही की गई है। इतना ही नहीं, जिस व्यक्ति का चालान हो रहा होगा, उसके फोन से भी किसी से बात न करने के निर्देश जारी किए गए हैं। डीजीपी सीता राम मरड़ी ने कहा कि ग्रेजुएट कांस्टेबल को चालान की शक्ति प्रदान करने के बाद से 15 हजार से अधिक चालान कुछ ही समय में हो गए हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस विभाग में कांस्टेबल पद सबसे छोटा है, लेकिन सबसे महत्त्वपूर्ण है। ऐसे में पुलिस ग्रेजुएट कांस्टेबल को चालान की शक्ति मिलने से उन पर सिफारिश का प्रेशर भी ज्यादा देखने को मिल रहा है, लेकिन अब उन्हें चालान करते समय किसी का भी फोन न सुनने के निर्देश जारी किए गए हैं। इससे नियमों की अवहेलना करने वाले सभी लोगों पर एक समान कार्रवाई होगी।