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बिलासपुर में मनाई गई लाल चंद प्रार्थी राज्य स्तरीय जयंती

Byjanadmin

Apr 3, 2019

प्रार्थी का हिमाचली भाषा साहित्य तथा आयुर्वेद के प्रचार प्रसार में महत्वपूर्ण योगदान : आईडी भंडारी

पहाड़ी हिमाचली भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल किए जाने पर बल : डॉ प्रत्यूष गुलेरी

भारतीय संस्कृति में विभिन्न विचारधाराओं का सौहार्दपूर्ण समन्वय : किस्मत कुमार

जनवक्ता डेस्क, बिलासपुर
हिमाचल कला संस्कृति एवं भाषा अकादमी शिमला द्वारा लेखक संघ बिलासपुर के सहयोग से व्यास अस्पताल चांदपुर बिलासपुर के सभागार में आयोजित लाल चंद प्रार्थी राज्य स्तरीय जयंती अवसर पर मुख्य अतिथि आईडी भंडारी पूर्व पुलिस महानिदेशक ने कहा कि लाल चंद प्रार्थी का हिमाचली भाषा साहित्य तथा आयुर्वेद के प्रचार प्रसार में महत्वपूर्ण योगदान रहा है । लाल चंद प्रार्थी ने कुलुत देश की कहानी और वजूद ओ अदम पुस्तकों में संस्कृति आयुर्वेद भाषा इतिहास आदि विषयों पर अपने विचार व्यक्त किए हैं । पहाड़ी भाषा तथा संस्कृति के प्रोत्साहन को उन्होंने विशेष योगदान दिया है ।लेखक संगोष्ठी में कांगड़ा से आए सुप्रसिद्ध साहित्यकार डॉ प्रत्यूष गुलेरी ने लाल चंद प्रार्थी के योगदान का मूल्यांकन करते हुए पहाड़ी हिमाचली भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल किए जाने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि हिमाचली पहाड़ी भाषा को बोलने वाले लाखों लोग हैं पहाड़ी में काफी साहित्य पुस्तकें तथा पत्रिका में प्रकाशित हो रही है । पहाड़ी को आठवीं अनुसूची में जोड़ा जाना बहुत आवश्यक है। इससे राष्ट्रीय स्तर पर पहाड़ी में लिखित साहित्य प्रकाशित तथा अनुवादित हो सकेगा। स्वामी विवेकानंद विचार मंच के प्रांत संयोजक तथा केंद्रीय विश्वविद्यालय धर्मशाला में शोधार्थी किस्मत कुमार ने सामाजिक समरसता विषय पर सारगर्भित वक्तव्य प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति में विभिन्न विचारधाराओं का सौहार्दपूर्ण समन्वय है ।भारतीय मनीषियों विद्वानों तथा समाज सुधारकों ने सामाजिक धार्मिक तथा सांस्कृतिक एकात्मता को सर्वोपरि महत्व प्रदान किया है। सामाजिक समरसता के सूत्रधार स्वामी विवेकानंद, स्वामी दयानंद, पंडित दीनदयाल उपाध्याय, डॉ भीमराव अंबेडकर तथा अन्य अनेक समाज सुधारकों ने समाज को एकता के सूत्र में बांधे रखने के लिए मार्गदर्शन दिया है। अकादमी के सचिव डॉ कर्मसिंह ने बताया कि हिमाचल भाषा अकादमी प्रदेश में पारंपरिक एवं समकालीन कला संस्कृति भाषा तथा साहित्य के संरक्षण प्रकाशन प्रलेखन तथा प्रचार-प्रसार में अनेक योजनाओं का संचालन कर रही है । लाल चंद प्रार्थी जयंती राज्य स्तरीय समारोह के दूसरे सत्र में बहुभाषी कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। जिसमें प्रदेश के विभिन्न भागों से पधारे लेखकों तथा कवियों ने भाग लिया और अपनी रचनाओं का पाठ करते हुए विभिन्न सामाजिक तथा राष्ट्रीय समस्याओं एवं चुनौतियां को सामने रखा तथा सभी को अपने कर्तव्य का निर्वाह की प्रेरणा दी । इस अवसर पर नव वर्ष परंपरा तथा लोक संगीत पर आधारित सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया गया जिसमें मंडी से रूपेश्वरी शर्मा, विनीता, प्रकाश चंद शर्मा, संदेश शर्मा तथा लेहरु राम संख्यान आदी कलाकारों ने भाग । कवि सम्मेलन की अध्यक्षता बिलासपुर लेखक संघ के संरक्षक जसवंत सिंह चंदेल ने की तथा मंच संचालन संतोष गर्ग ने किया। हिमाचल अकादमी की सामान्य परिषद में जिला बिलासपुर के प्रतिनिधि सदस्य डॉ रविंद्र ठाकुर ने धन्यवाद करते हुए बिलासपुर की सांस्कृतिक विरासत के संबंध में अपने विचार प्रस्तुत किए । कवि सम्मेलन में प्रदेश के विभिन्न भागों से पधारे कवियों ने भाग लिया जिनमें प्रमुख शक्ति चन्द्र राणा, हरि कृष्ण मुरारी, प्रत्यूष गुलेरी, संतोष गर्ग, मीना चंदेल,प्रतिभा शर्मा, मनोज कुमार, प्रोमिला भारद्वाज, कृष्ण चन्द्र महादेव, गंगाराम राजी, शरत ठाकुर, मुनीश तन्हा, अरुण डोगरा , सुरेंद्र मिन्हास, रूप शर्मा, राणा शमशेर सिंह, ओमप्रकाश प्रभाकर, सुनीता देवी, डेजी शर्मा, सुनिधि शर्मा, अनिता कुमारी, पवन चौहान, हरि प्रिया शर्मा, अमरनाथ धीमान, कर्नल जसवंत सिंह चंदेल, बुद्धि सिंह चंदेल, वीना वर्धन, ललिता कश्यप, हेम राम शर्मा, रविंदर सांख्यान, रविंदर शर्मा, रविंदर कमल तथा विनोद भावुक शामिल रहे ।इस अवसर पर अकादमी की ओर से मुख्य अतिथि श्री आईडी भंडारी, मुख्य वक्ता किस्मत कुमार तथा बिलासपुर लेखक संघ के संरक्षक जसवंत सिंह चंदेल को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के अंत में लेखक संघ के महासचिव सुरेंद्र मिन्हास द्वारा हिमाचल अकादमी तथा प्रदेश के प्रतिभागी और कलाकारों को सम्मानित करते हुए उनका आभार प्रकट किया गया।

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