जनवक्ता डेस्क, बिलासपुर
कीरतपुर – नेरचौक फोरलेन विस्थापित समिति ने हिमाचल सरकार और मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर तथा केंद्र सरकार के भूतल परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से आग्रह किया है कि पिछले दो वर्षों से इस फोरलेन सड़क के रुके पड़े निर्माण कार्य को प्राथमिकता से आरंभ करके इससे विस्थापित हुए लाखों किसानों ,ब्यापारियों और उद्यमियों को धूल –मिट्टी , आवागमन सहित दर्जनों कठिनाइयों से छुटकारा दिलवाया जाये |
समिति के प्रधान रामसिंह ने कहा कि फोरलेन सड़क निर्माण के नाम पर उनसे उनकी पुस्तेनी उपजाऊ कृषि भूमि , जिस पर उनके परिवारों का भरण –पोषण हो रहा था , को जबरदस्ती उनसे छीन लिया गया और उसका चार गुना मुवावजा ना देकर मनमर्जी का बहुत कम मुवावजा दिया गया जबकि उन्हें उनके घरों तक से निकाल बाहर करके दर्जनों समस्याओं का सामना करने के लिए अपने हाल पर छोड़ दिया गया । सरकार के इस संबंध में बनाए गए कानून की पूरी तरह से धज्जियां उड़ाई गई और प्रत्येक विस्थापित परिवार से एक सदस्य को नौकरी दिये जाने के कानूनी प्रावधान को भी पूरा नहीं किया गया । जिस कारण अधिकांश विस्थापित परिवारो को अपना भरण –पोषण करने में भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है । रामसिंह ने कहा कि पूर्व वीरभद्र सिंह के नेत्रत्व वाली कांग्रेस सरकार के समय केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने सार्वजनिक घोषणा की थी कि यदि प्रदेश सरकार सहमति दे तो केंद्र सरकार विस्थापितों को उनकी भूमि का चार गुणा मुवावजा देने को तैयार है और इस लिए उस समय की कांग्रेस सरकार को खूब कोसा भी गया था । उस समय प्रदेश के नेता प्रतिपक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री प्रोफेसर प्रेमकुमार धूमल ने भाजपा सरकार आने पर चार गुना मुवावजा दिये जाने का भी वादा किया था । जिस वादे से प्रभावित होकर विस्थापितों ने भाजपा को सत्ता में लाने के लिए दिन – रात एक किया और अब जब भाजपा सत्ता में आ गई है और केंद्र में भी भाजपा की ही सरकार है ,तो चार गुना मुवावजा दिये जाने में आना कानी की जा रही है , जो उनसे बहुत बड़ा धोखा है । रामसिंह ने कहा कि सरकार इसे हल्के में ना ले और विस्थापितों के प्रत्येक परिवार से एक सदस्य को नौकरी देने , उनकी अधिग्रहीत भूमि का चार गुना मुवावजा देने , धूल मिट्टी से बचाव और आवागमन में आ रही कठिनाइयों से छुटकारा दिलाने के लिए सड़क निर्माण तुरंत आरंभ करने , निर्माण कंपनी के पास मजदूरों , ठेकेदारों और किसानों के देय करोड़ों रुपए का भुगतान करने के आदेश देने , सड़क किनारे की भूमि और मकानों को बरसात में भूमि कटान से हुई हानि का मुवावजा देने , भूमि कटान होने से बचाने के लिए सुरक्षा दीवारों का निर्माण करने , ब्यापार चलाने के लिए ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध करवाने ,नए बसाव स्थलों पर बिजली- पानी और रास्तों – सड़कों का निर्माण करवाने , भूमि हीन हो गए किसानों को नौतोड़ भूमि अलाट करने और विस्थापित समिति के साथ हुए समझोते को लागू करने की आदेश दिये जाएँ । रामसिंह ने कहाकि सरकार ने यदि इस संबंध में तुरंत कोई कार्यवाही नहीं की, तो विस्थापित परिवार संसदीय चुनाव में पूरी तरह से चुनाव का बहिष्कार करने को विवश होंगे, जिसका सारा उत्तरदायित्व सरकार पर होगा।