युवा पीढ़ी, स्कूली बच्चों के साथ-साथ आमजन को भी जागरूक होना अनिवार्य
जनवक्ता डेस्क, बिलासपुर
प्राकृतिक आपदाओं का पूर्वानुमान नहीं लगाया जा सकता, न ही इन्हें रोका जा सकता है, लेकिन धैर्य, विवेक, परस्पर सहयोग व प्रबन्धन से ही काफी हद तक इसके प्रभाव को कम किया जा सकता है ताकि आपदाओं से होने वाले जान-माल के नुकसान से बचा जा सके या इसे कम किया जा सके। यह बात उपायुक्त विवेक भाटिया ने 4 अप्रैल 1905 में कांगड़ा में आए भुकम्प की याद में आयोजित मैमोरी वाॅक कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कही। उन्होनें कहा कि इस मैमोरी वाॅक के माध्यम से लोगों को आपदा के दौरान किए जाने वाले बचाव कार्य के बारे में जागरूक किया जा रहा है। इससे पहले उन्होंने महिला व युवक मंडलों, स्वयं सेवी संस्थाओं, स्पोर्टस हाॅस्टल के छात्र-छात्राओं तथा विभिन्न शैक्षणिक संस्थाओं के बच्चों के अतिरिक्त बुद्धिजीवी वर्ग द्वारा निकाली गई रैली को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
उन्होंने कहा कि वर्तमान दौर में आपदा प्रबन्धन की नितांत आवश्यकता है और इसके लिए युवा पीढ़ी, स्कूली बच्चों के साथ-साथ आमजन को भी जागरूक होना अनिवार्य हैं। उन्होंने कहा कि सभी विभागों को आपदा की स्थिति से निपटने के लिए हमेशा अपनी-अपनी तैयारियां पूरी रखनी चाहिए। उन्होंने सभी अधिकारियों से कहा कि वे आपदा प्रबन्धन को लेकर कार्य योजना तैयार करें तथा अपने अधीनस्थ समस्त अधिकारियों और कर्मचारियों को भी आपदा प्रबन्धन के बारे में जागरूक करें। उन्होंने कहा कि आपदा प्रबन्धन से बचाव के लिए स्कूलों, कालेजों, स्वयं सेवी संस्थाओं, महिला व युवक मंडलों, पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों को समय-समय पर आपदा प्रबन्धन के बारे में जागरूक किया जाता है तथा विशेषज्ञों द्वारा माॅक ड्रिल करवाए जाते हैं ताकि लोगों को आपदा के दौरान होने वाले नुकसान से बचने के उपाय बताए जा सकें। उन्होंने आमजन ये भी आहवान किया कि प्रदेश की भौगोलिक स्थिति ऐसी है कि यहां पर भुकम्प आने की अधिक संभावनाएं है, इसके दृष्टिगत लोंगों को भुकम्परोधी मकान बनाने की आवश्यकता पर बल देना चाहिए।
इसके उपरांत द्वितीय चरण में राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में आपदा प्रबन्धन पर आयोजित विशेष कार्यक्रम में एडीएम राजीव कुमार ने कहा कि 1905 में कांगडा में आए भीषण भुकम्प मंे हजारों की संख्या में लोगों और पशुधन की जाने गई थी वहीं भारी संख्या मंे इमारतें व भवन भी इसी त्रासदी की भेंट चढ गए थे। उन्होनें कहा कि इस प्रकार की आपदाओं से हमें सीख लेनी चाहिए और किसी भी प्रकार की आपदा से निपटने के लिए आमजन को पहले से ही जागरूक होना चाहिए।
इस अवसर पर जिला राजस्व अधिकारी देवी राम, एसोसिएट प्रोफेसर बचन सिंह, कालेज एनएसएस के समन्वयक डा0 सुरजीत चंदेल,सचिव भारतीय रैडक्रास सोसाईटी अमित कुमार, सूचना एंव प्रोद्योगिकी समन्वयक चन्दन राठौर के अतिरिक्त विभिन्न विभागों के अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित रहे।