जनवक्ता डेस्क, बिलासपुर
निहाल सेक्टर में स्थित सरस्वती विद्या मंदिर में वीरवार को 4 अप्रैल 1905 में कांगड़ा में भूकंप से हुई त्रासदी को याद करते हुए मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। स्कूल की कार्यकारी प्रिंसीपल पूनम के नेतृत्व में आयोजित इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए सहयोगी शिक्षिकाओं ने पूरा साथ दिया। इस अवसर पर पूनम ने कहा कि जिला कांगड़ा में 114 साल पहले एक ऐसा भूकंप आया था। जिसमें करीब 20 हजार से ज्यादा लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा था। उन्होंने बताया कि उस रोज 6 बजकर 19 मिनट पर भूकंप के दो झटकों ने कांगड़ा को बुरी तरह हिला दिया था। उन्होंने बताया कि भूकंप की चपेट में करीब 4 लाख 16 हजार वर्ग किलोमीटर का क्षेत्र आया था। उन्होंने बताया कि वैज्ञानिकों के अनुसार हिमालयी क्षेत्र भूकंप को लेकर काफी संवेदनशील है। अगर प्रकृति ने एक बार फिर तबाही की तो इस बार मरने वालों की संख्या हजारों में नहीं लाखों में होगी। उन्होंने बच्चों को ऐसी स्थिति में निपटने के गुर सिखाए। इस कार्यक्रम में शिक्षिकाओं में अमरी देवी, कंचन, मीना आदि शामिल थीं।