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दो ठाकुर भिड़ेंगे प्रदेश की महत्वपूर्ण हमीरपुर लोकसभा सीट पर

Byjanadmin

Apr 6, 2019

अगर सुरेश चंदेल निर्दलीय चुनाव लड़ते हैं तो भाजपा और कांग्रेस के लिए कठिन

कांग्रेस के सर्वे में रामलाल ठाकुर सबसे ऊपर

जनवक्ता डेस्क, बिलासपुर
हिमाचल प्रदेश की महत्वपूर्ण मानी जा रही हमीरपुर लोकसभा सीट पर आखिरकार कांग्रेस ने अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया है। कांग्रेस ने इस सीट से भाजपा के अनुराग ठाकुर के मुकाबले अपने पुराने दिग्गज रामलाल ठाकुर को उतारा है । जहां तक कांग्रेस के सर्वे की बात की जाए तो इस समय रामलाल ठाकुर सबसे ऊपर चल रहे हैं । और कांग्रेस हाईकमान का यह निर्णय काफी सुलझा हुआ नजर आता है। अब दोनों ठाकुरों की लड़ाई में देखना यह बाकी कि सुरेश चंदेल का क्या रुख रहेगा। क्योंकि अगर सुरेश चंदेल किसी अन्य दल से या निर्दलीय चुनाव लड़ते हैं तो दोनों ही राजनीतिक दलों भाजपा और कांग्रेस के लिए चुनाव कठिन हो सकता है। अगर आंकड़ों का हाल देखा जाए तो हमीरपुर लोकसभा सीट भारतीय जनता पार्टी का गढ़ रही है। 1987 के बाद अब तक हुए 15 चुनावों में भाजपा ने इस सीट पर 9 बार जीत दर्ज की । 1967 में इस सीट पर कांग्रेस के पी सी वर्मा विजयी रहे थे ।उसके बाद 1971 में कांग्रेस के ही नारायण चंद्र पाराशर ने इस सीट पर जीत दर्ज की थी। 1977 में लोक दल के प्रत्याशी रंजीत सिंह ने इस सीट को जीता था । और 1980 में एक बार फिर से कांग्रेस के नारायण चंद पराशर विजयी रहे थे । 1984 में भी नारायण चंद पराशर ने सीट को जीता लेकिन 1989 में भाजपा का खाता इस सीट पर खुला और पहली बार प्रोफ़ेसर प्रेम कुमार धूमल ने जीत दर्ज की। इसके बाद फिर चुनाव हुए लेकिन 1991 में फिर दोबारा धूमल जीते और 1996 का चुनाव कांग्रेस प्रत्याशी मेजर जनरल बिक्रम सिंह से हार गए। 1998 में भाजपा ने फिर वापसी की और सुरेश चंदेल ने इस सीट को जीता। उसके बाद लगातार हैट्रिक बनाते हुए 1999 और 2004 में भी उन्होंने इस सीट को जीता। 2007 में फिर से इस सीट पर भाजपा ने प्रेम कुमार धूमल को उतारा और उन्होंने इस सीट को भाजपा के खाते में डाला। इसके बाद मुख्यमंत्री बनने के पश्चात इस सीट पर अनुराग ठाकुर लड़े और उन्होंने 2008 का उप चुनाव जीता। इसके बाद 2009 और 2014 का चुनाव जीत ठाकुर अब चौथी बार भाग्य आजमा रहे हैं। कांग्रेस ने रामलाल ठाकुर पर भरोसा जताया है । जिन का मुकाबला सुरेश चंदेल से 1999 में और 2004 में हो चुका है । वह दोनों बार पराजित रहे थे और 2007 में उन्हें प्रेम कुमार धूमल ने हराया था ।

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