• Mon. Nov 25th, 2024

उदासीन व आलसी मतदाताओं के भरोसे कैसे सबकी भागीदारी सुनिश्चित हो सकेंगी

Byjanadmin

Apr 6, 2019


धर्म, मजहब व जाति देखकर अपने वोट का प्रयोग न करें-डा अक्षत
रावमापा घरेड में मतदाता जागरुकता अभियान कार्यक्रम आयोजित
जनवक्ता ब्यूरो, मानपुरा

निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार मतदाता जागरुकता अभियान के अंतर्गत ग्राम पंचायत नालका के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला घरेड में स्थानीय लोगों व आम जनता व विद्यालय के छात्र छात्राओं को मतदान के महत्व की जानकारी दी गई। नोडल आफिसर डा. अक्षत कुमार व उनकी टीम के सदस्यों ने मतपत्र बनवाने व और मतदान की प्रक्रिया की विस्तार से जानकारी दी। उन्होने बताया कि हमें बिना किसी लोभ लालच के अपने विवेक से अपनी पंसदीदा उ मीदवारों को वोट देना चाहिए। हमें किसी भी प्रकार के बहकावे में नहीं आना चाहिए। डा अक्षत ठाकुर ने कहा कि यह सिर्फ एक चुनाव न होकर लोकतंत्र का महापर्व है और हर एक वोट का महत्व है। ज्यादा से ज्यादा व सौ फीसदी वोटिंग से ही लोकतंत्र मजबूत व सशक्त हो सकता है। इसमें कोई दोराय नहीं है कि हम एक लोकतांत्रिक देश के स्वतंत्र नागरिक है। लोकतांत्रिक प्रणाली के तहत जितने अधिकार नागरिकों को मिलते हैं, उनमें सबसे बड़ा अधिकार है वोट देने का अधिकार। इस अधिकार को पाकर हम मतदाता कहलाता हैं। वही मतदाता जिसके पास यह ताकत है कि वो सरकार बना सकता है, सरकार बदल सकता है। जब 26 जनवरी, 1950 को हमारा देश गणतांत्रिक बन रहा था। अलबत्ता हमारा देश का संविधान लागू हो रहा था। उसी के एक दिन पहले 25 जनवरी, 1950 को देशभर के सभी चुनावों को निष्पक्षता और पारदर्शिता के साथ कराने के लिए ‘भारत निर्वाचन आयोग’ का गठन हुआ। वहीं 2011 में भारत सरकार ने चुनावों में लोगों की भागीदारी बढ़ाने व जागरूकता लाने के उद्देश्य से भारत निर्वाचन आयोग के गठन दिवस को ‘राष्ट्रीय मतदाता दिवस’ घोषित करने का निर्णय लेते हुए इस दिवस को प्रतिवर्ष मनाने का ऐलान किया। इस दिन मतदाता को उसके मत की शक्ति से वाकिफ कराने के लिए देशभर में कई सामाजिक संस्थाएं और सरकार द्वारा कार्यक्रम आयोजित किये जाते है। भारत जैसा युवा देश जिसकी 65 प्रतिशत आबादी 35 वर्ष से कम है। उस देश के युवाओं की जि मेदारी बनती है कि वो अशिक्षित लोगों को वोट का महत्व बताकर उनको वोट देने के लिए बाध्य करे। लेकिन यह विडंबना है कि हमारे देश में वोट देने के दिन लोगों को जरूरी काम याद आने लग जाते हैं। कई लोग तो वोट देने के दिन अवकाश का फायदा उठाकर परिवार के साथ पिकनिक मनाने चले जाते हैं। कुछ लोग ऐसे भी है जो घर पर होने के बावजूद भी अपना वोट देने के लिए वोटिंग बूथ तक जाने में आलस करते हैं। इस तरह अजागरूक, उदासीन व आलसी मतदाताओं के भरोसे हमारे देश के चुनावों में कैसे सबकी भागीदारी सुनिश्चित हो सकेंगी? उन्होने कहा कि साथ ही एक तबका ऐसा भी है जो प्रत्याक्षी के गुण न देखकर धर्म, मजहब व जाति देखकर अपने वोट का प्रयोग करता हैं। यह कहते हुए बडी ग्लानि होती है कि वोटिंग के दिन लोग अपना वोट संकीर्ण स्वार्थ के चक्कर में बेच देते हैं। यही सब कारण है कि हमारे देश के चुनावों में से चुनकर आने वाले कुछ नेता दागी और अपराधी किस्म के होते हैं। जिन्हें सही से बोलना और लिखना भी नहीं आता, ऐसे लोग जो अयोग्य है, वे गलत तरीकों से जीतकर योग्य लोगों पर राज करते हैं इसलिए हमें अपना मत सोच समझकर ईमानदार व पढे लिखे प्रत्याशी को देना चाहिए। इस अवसर पर घरेड स्कूल के प्रधानाचार्य कमल किशोर, पूर्व प्रधान प्रेम चंद, उपप्रधान मस्त राम, पंचायत सदस्य सुमन देवी, बीएलओ अंजू देवी, रावमा के अध्यापक व अध्यापिकताएं तथा छात्रगण मौजूद थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *