वोट मांगने से पूर्व सपष्ट करे कि वह देश की सेना के साथ या अलगाव वादियों के साथ
जनवक्ता डेस्क, बिलासपुर
हिमाचल प्रदेश के शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज एवं सामाजिक न्याय तथा अधिकारिता मंत्री डॉ राजीव सैजल ने प्रदेश कांग्रेस को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि लोकसभा चुनावों में जनता से वोट मांगने से पूर्व सपष्ट करे कि वह देश की सेना के साथ खड़े है या फिर देश के अलगाव वादियों के साथ खड़े हैं। अगर वह देश की सेना के साथ खड़े हैं तो उन्होंने अफस्फा के तहत सेना को मिले विशेष अधिकारों को हटाने का वायदा अपने घोषणा पत्र मे क्यों किया है ?
नेताओं ने कहा कि आखिर क्या कारण है कि कांग्रेस देश की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ कर रही है ? विदेश और सामरिक नीति बेहद संवेदनशील विषय है इसके बावजूद बालाकोट मे हुई एअरफोर्स सट्राईक पर सवाल उठाना, उरी हमले के बाद सेना की सर्जीकल स्ट्राईक पर सवाल उठाना, प्रधानमंत्री पर खून की दलाली करने जैसे घटिया आरौप लगाकर देश के दुश्मनो की भाषा बोली है।
उन्होंने ने कहा कि कांग्रेस ने देश पर 55 वर्षों तक राज किया है और उस समय उसे देशद्रोह की धारा 124 ए हटाने की कोशिश क्यों नहीं की और इस दौरान कितनी बार उन्होंने अलगाव वादियों से बात की ? उसका नतीजा आज तक क्या निकला ? जम्मू कश्मीर से लेकर पूर्ताेतर राज्यों और नक्सलवाद के लिये कांग्रेस की नितियां जिम्मेदार रही है और अब घोषणा पत्र में झूठे वायदे करके कांग्रेस पुनः अंग्रेजो को देश मे फूट डालो और राज करो की नीति पर चलकर सत्ता प्राप्त करने के स्वपन देख रही है। जो कभी पूरा नहीं होगा।
उन्होंने ने कहा कि नरेन्द्र मोदी के शासन में आज भारत दुनिया की सबसे बड़ी आर्थिक ताकत के रूप मे तेजी से आगे बढ़ रहा है। भारत मे सबसे अधिक पंूजी निवेश हुआ है। किसानों के लिये किसान सम्मान योजना शुरू की जिसके तहत प्रत्येक किसान के खाते मे 6 हजार रूपये डाले जा रहे है और इसका सबसे अधिक फायदा हिमाचल प्रदेश को पहुंचा है। इसी के साथ आयुष्मान भारत के तहत 15 लाख लोगो का इलाज हो चुका है।
नेताओं ने कहा कि डबल इन्जन की सरकार का फायदा पिछले एक वर्ष में हिमाचल को मिला है। कृषि बागवानी पर्यटन जैसी कई योजनाओं में मात्र एक वर्ष में 10 हजार करोड़ रूपये अतिरिक्त सहायता प्रदेश को केन्द्र से मिली है। इसके अतिरिक्त वृद्धवस्था पेन्शन की आयु 80 से 70 और हिम केयर और मुफ्त गैस सिलेन्डरो से प्रदेश मंे विकास को अन्तिम व्यक्ति तक पहुंचाने के अनपव प्रयास किये गये है।