भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती ने कहा है कि कांग्रेस का चुनाव घोषणा पत्र आने के बाद जिहादी आतंकवादियों और नक्सलवादियों के हौसले बुलंद हो गये है। इसी का नतीजा है कि जिहादियों ने जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में राष्ट्रीय स्वयंसेवकसंघ के नेता की हत्या कर दी। इस के अलावा छतीसगढ़ में कम्युनिस्ट नक्सलवादियों ने भाजपा विधायक समेत कई लोगों की हत्या कर दी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का हाथ देशद्रोही आतंकवादियों और हत्यारे नक्सलवादियों के साथ है।
सतपाल सिंह सत्ती ने कहा कि किश्तवाड़ में राष्ट्रीय स्वयंसेवकसंघ के नेता एवं उनके गनमैन की हत्या उन जिहादी आतंकवादियों ने की जिनके लिए कांग्रेस नेता हमेशा सहानुभूति रखते हैं। पाकिस्तान, कश्मीरी आतंकवादी और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी राष्ट्रभक्त संगठन आरएसएस के खिलाफ एक ही तरीके से जहर उगलते है। जबकि यह संगठन देश की सुरक्षा एवं अखंडता के लिए हजारों कुर्बानियां दे चुका है।
उन्होंने कहा कि संसद पर हमले के दोषी देशद्रोही अफजल गुरू और एक अन्य जिहादी आतंकी याकूब मेनन के लिए हर स्तर पर वकालत करने वालों मे कांग्रेस के बड़े नेता शामिल थे। नयी दिल्ली के बाटला हाऊस में पुलिस ने आतंकवादियों को मार गिराया था तब सोनिया गांधी कई रातों तक दुख की वजह से सो नहीं पाई थी। देशभर में जहां कहीं भी आतंकवादी घटनाऐं हुई, कांग्रेस आतंकवादियों के अधिकारों के समर्थन मे खड़ी दिखाई दी।
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि छत्तीसगढ़ में भाजपा विधायक एवं कई अन्य बेगुनाहों की हत्या करने वाले नक्सली आतंकवादियों का समर्थन कांग्रेस हमेशा करती रही है। शहरी नक्सलियों के पक्ष में कांग्रेस सड़क, अदालत और संसद तक दलीले देती रहती है। इस बार तो आतंकवादियों और नक्सलियों को ध्यान में रखकर कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में देशद्रोह कानून को समाप्त करने का वादा कर दिया है। उसने इन खतरनाक अपराधियों को तुरन्त जमानत पर छोड़े जाने का कानून बनाने का भी वादा किया है।
उन्होंने कहा कि जान हथेली पर लेकर जिहादी आतंकियों और नक्सलियों का मुकाबला कर रहे सैनिकों एवं अन्य सुरक्षा बलों को मिले कानूनी संरक्षण को समाप्त करने का वचन भी कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में दिया है। उसने कहा है कि वह ‘‘संशस्त्रबल (विशेष शक्ति) कानून 1958’’ को खत्म कर देगी ताकि आतंकवादियों के अपनी रक्षा करने का सैनिकों का अधिकार ही समाप्त हो जाये। उन्होंने कहा कि वीरभूमि हिमाचल प्रदेश की जनता अपने बहुत से जवानों की शहादत देख चुकी है। अब वह कांग्रेस की इसतरह की सोच के खिलाफ वोट देकर एक बार फिर मोदी सरकार को सत्ता में लाने का मन बना चुकी है।