जनवक्ता डेस्क, बिलासपुर
भाजपा अध्यक्ष सतपाल सिंह सती ने कहा है कि भाजपा पर कटाक्ष करने से पूर्व कांग्रेस पार्टी पहले अपने पार्टी को संभाले क्योंकि पार्टी को न तो अपने कार्यकर्ताओं पर विश्वास है न ही अपने वरिष्ठ नेताओं पर। मंडी संसदीय क्षेत्र में कांग्रेस को अपनी पार्टी का कोई व्यक्ति चुनाव लड़ने के लिए नहीं मिला, जिसकी वजह से उन्होंने सुखराम के पौत्र आश्रय को अपनी बैसाखी बनाना पड़ा है। शायद कांग्रेस पार्टी में चुनाव लड़ने वालों की कमी हो गई है। जिस पार्टी के सदस्य केवल जेल और जमानत पर हों और सत्ता को पुत्र और पौत्र को गद्दी दिलवाने की तमन्ना रखते हों उनसे लोकतंत्र की क्या उम्मीद रखी जा सकती है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने कभी सुखराम को बाहर का रास्ता दिखाया था, फिर जब उसका पंजा ढीला पड़ गया तो फिर भीतर बुला लिया। उन्होंने कहा कि एक ही परिवार का बार-बार बाहर और भीतर का खेल पिछले ढाई दशकों से चल रहा है। अब कांग्रेस को सुखराम की इतनी चिंता हो गई है कि उसके पूरे परिवार का ही हाथ थाम रही है। भाजपा अध्यक्ष सतपाल सिंह सती ने कहा है चीनी घोटाले से लेकर दूरसंचार घोटाले और फिर दल बदलूओं को प्रदेश की जनता अब बहुत अच्छी तरह से समझ गई है। भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी और देश में केन्द्र सरकार एक साथ मिलकर विकास की ओर लगातार बढ़ रही है। इसी कारण कांग्रेस की चिंता भी बढ़ती जा रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी वीरभद्र जैसे पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को जिस तरह नजरअंदाज करके उनकी इच्छा के विरुद्ध बिना उनसे संपर्क और बातचीत किए, बाहर के लोगों को टिकट दिया। उससे पार्टी की हालत खुद ही बयां हो जाती है। उन्होंने कहा कि इससे बड़ा प्रमाण हिमाचल भाजपा के लिया क्या हो सकता है जब पूर्व मुख्यमंत्री ने प्रदेश सरकार के विकास कार्यों की तारीफ की। उन्होंने कहा कि अब खिसियाईं कांग्रेस कमज़ोर बैसाखियों पर चलकर चुनाव जीतने की कोशिश कर रही है लेकिन कांग्रेस अपने मंसूबे पर पूरा नहीं उतरेगी क्योंकि भारतीय जनता पार्टी के पास एक ऐसा कुशल और सक्षम नेतृत्व है, जो पूरी पार्टी को साथ लेकर चलता है तथा कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाता है। सतपाल सिंह सत्ती ने कहा कि प्रदेश के विकास के लिए न सिर्फ हिमाचल प्रदेश बल्कि केंद्र सरकार के माध्यम से पहाड़ों को नई ऊंचाइयों तक ले जाने की लगातार कोशिश कर रहा है। इसी बात से कांग्रेस विचलित है क्योंकि उन्हें अपना भविष्य धुँधला दिखता नजर आ रहा है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में लोग अब अवसरवादी, परिवारवाद राजनीति और के नेताओं की राजनीति में दखलअंदाजी को पसंद नहीं कर रहे हैं क्योंकि उनमें देशहित की अपेक्षा केवल अपने परिवार तक ही सीमित है और अपना स्वार्थ सिद्ध करने में लगे हुए हैं।