मोदी और शाह की माला जपने से भाजपा की नेय्या नहीं लग पाएगी पार
पिछले पाँच वर्षों में नहीं बल्कि कांग्रेस के अथक प्रयासों से हुआ है विकास
जनवक्ता डेस्क, बिलासपुर
मंडी संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस पार्टी के युवा उम्मीदवार और केन्द्रीय पूर्व संचार मंत्री पंडित सुखराम के पौत्र आश्रय शर्मा ने भाजपा के उम्मीदवार रामस्वरूप शर्मा की पिछले दिनों की पत्रकार वार्ता के कथनों पर पलटवार करते हुए कहा है कि रामस्वरूप का यह कहना कि सपनों से मुख्यमंत्री नहीं बना करते ,बिलकुल ठीक ही है ,क्यूँ कि जयराम ठाकुर ने तो कभी सपनों में भी नहीं सोचा होगा कि वे कभी इस प्रदेश के मुख्यमंत्री बनेंगे ,किन्तु उन्हें भाजपा के किसी विधायक दल ने नहीं बल्कि उनके आरएसएस से बचपन से ही सबंध होने और अमित शाह से निकटता होने के कारण भाजपा हाईकमान ने मुख्यमंत्रित्व का ताज पहना दिया ,जो विवशतावश भाजपा के विधायक दल को स्वीकार करना पड़ा है वरना भाजपा में ही उनसे अधिक सुयोग्य ,अनुभवी और पार्टी के प्रति प्रतिबद्ध नेता मौजूद थे ,जिनकी मोदी और अमित शाह ने अवहेलना की है |
आश्रय शर्मा का कहना था कि यह हाल ही के हिमाचल प्रदेश के राजनैतिक इतिहास की घटना ही है कि जयराम ठाकुर जनता दवारा चुने हुए पार्टी के विधायकों के नेता के रूप में बाद में चुने गए जबकि अमित शाह व मोदी ने उन्हें पहले ही नेता घोषित करके मुख्यमंत्री बनाने की घोषणा कर दी थी , जिसे सभी विधायकों को मानना पड़ा |
आश्रय शर्मा ने अपने विरोधी भाजपा उम्मीदवार रामस्वरूप पर तंज़ कसते हुए कहा कि उन्हें भाजपा ने दूसरी बार टिकट दिया है और अपने पिछले पाँच वर्ष के कार्यकाल में उन्होने अपने संसदीय क्षेत्र में जनता की एक भी समस्या सुलझाने के लिए डका तक नहीं तोड़ा है | उनके पास अपनी उपलब्धियों के नाम पर मंडी संसदीय क्षेत्र के मतदाताओं को बताने –दिखाने के लिए कुछ भी नहीं है , इसी लिए रामस्वरूप शर्मा को केवलमात्र मोदी और जयराम ठाकुर की दुहाई देकर दोबारा वोटें मांगने के सिवा और कोई चारा नहीं है| किन्तु रामस्वरूप को जान लेना चाहिए कि काठ की हांडी बार बार नहीं चढ़ती है और लोगों ने अब यह भली भांति जान लिया है कि रामस्वरूप उनका नेत्रत्व करने के लिए उपयुक्त व्यक्ति नहीं है , तो मोदी तथा शाह की माला जपने पर भी उनकी नेय्या पार नहीं लग पाएगी |
आश्रय शर्मा ने कहा कि यदि वास्तव ही में रामस्वरूप ने इस मंडी संसदीय क्षेत्र के 6 जिलों के 17 विधान सभा क्षेत्रों में पिछले पाँच वर्षों में कोई उल्लेखनीय कार्य किया होता तो उन्हें आज उन कार्यों के बल पर लोगों से वोट मांगने में शर्म महशूस नहीं होती | उन्होने रामस्वरूप शर्मा के इस कथन पर कि भाजपा राष्ट्रवाद और विकास के नाम पर वोट मांग रही है , कहा कि राष्ट्रवाद और विकास केवल मोदी और अमित शाह तथा भाजपा की ही बापोती नहीं है ,क्यूँ कि इस विशाल देश को एक संगठित सूत्र में बांध कर वर्ष 2014 तक कांग्रेस पार्टी ने ही राष्ट्रवाद के सिद्धांत पर अमल करते हुए देश को विकास –प्रगति के नए आयामों तक पहुंचाने में सफलता प्राप्त की है |
आश्रय शर्मा ने परिवारवाद पर मोदी , अमित शाह और भाजपा के हमलों का करारा उतर देते हुए कहा कि जिस परिवार पर यह लोग अपनी व्यक्तिगत घृणा के कारण उँगलियाँ उठा कर सारे देश भर में हास्य के पात्र बनते हैं , उस परिवार के दो- दो सदस्यों ने राष्ट्रवाद और देश की एकता व अखंडता के लिए बलिदान दिये हैं ,जिन्हें देश की जनता कभी भूल नहीं सकती है | जबकि मोदी और अमित शाह के पास ऐसा कुछ दिखाने –बताने के लिए है ही नहीं , इसी लिए वे हमारे देश के वीर –बहादुर सैनिकों के बलिदानों का सहारा लेकर अपने आप को राष्ट्रवादी प्रमाणित करने का असफल प्रयास मात्र कर रहे हैं |
आश्रय शर्मा ने कहा कि जिस प्रकार राम स्वरूप कहते हैं कि मंडी सदर क्षेत्र की जनता ने एक ही परिवार का ठेका नहीं ले रखा है ,उसी प्रकार मंडी संसदीय क्षेत्र की जनता यह कह रही है कि उसने भी बार बार राम स्वरूप को ही सांसद बनाने का ठेका नहीं ले रखा है |
वीरभद्र सिंह और पंडित सुखराम के मिलाप को यह बताने पर कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता , आश्रय शर्मा ने कहा कि इसका आभास तो उन्हें 23 मई को ही होगा और उस समय अपनी करारी हार के बाद हिमाचल की राजनीति के इन दोनों महारथियों के मिलाप के परिणामों का वास्तविक पता चलेगा और तब निश्चय ही रामस्वरूप अपनी इन बेतुकी बातों पर अपने आप को शर्मिंदा अनुभव करेंगे |