करीब छह महीने से एनेस्थिजिया चिकित्सक नहीं
जिला भर में एक ही गायनी स्पेशलिस्ट
इनडोर, आऊट डोर तथा एमरजेंसी का बोझ एक डाक्टर पर
जनवक्ता डेस्क, बिलासपुर
सरकार चाहे किसी भी दल की हो लेकिन बिलासपुर के अस्पताल पर इसका कोई फर्क नहीं पड़ता है। हालांकि राजनेता व्यवस्था के चाक चौबंद होने का पूरा दम भरते हों लेकिन वास्तविकता दावों से कोसों दूर है। जिला भर में एक ही गायनी स्पेशलिस्ट है जो दिन रात मुख्यालय के अस्पताल में न सिर्फ नगर बल्कि पूरे जिले के साथ साथ सीमाओं के जिलों का कार्यभार भी देख रही है। हर दिन करीब दो सौ मरीजों की ओपीडी तथा इंडोर में चालीस से पचास मरीजों को देखना यहां की एक मात्र गायनी स्पेशलिस्ट डा. अनुपम शर्मा की रोजमर्रा में शुमार है। यही नहीं दिन-रात की एमरजेंसी कॉल को अटैंड करने के साथ रूटीन के आपरेशन और एमरजैंसी के आपरेशन करना भी इन्हीं की जिम्मेवारी है। कहना गलत न होगा कि एक महिला चिकित्सक ने पूरे जिले के गायनी रोगों का कार्यभार संभाल रखा है। यही नहीं बिलासपुर में करीब छह महीने से एनेस्थिजिया चिकित्सक नहीं है। एक समय यहां तीन-तीन एनेस्थिजिया चिकित्सक होते थे लेकिन अब एक भी नहीं है। आपरेशन के लिए घुमारवीं से उधार पर चिकित्सक को बुलाया जाता है। लेकिन वह भी नियमित तौर पर अपनी सेवाएं बिलासपुर में नहीं दे पाते हैं। यहां पर एक सर्जन के सहारे व्यवस्था को ढोया जा रहा है। युवा चिकित्सक डा. ऋषि का हाल भी ऐसा ही है। इनडोर, आऊट डोर तथा एमरजेंसी का बोझ भी इन्हीं पर है। यहां पर करोड़ों रूपयों की सीटी स्कैन मशीन नवंबर 2018 से खराब चल रही है। जबकि रेडियोलॉजिस्ट भी एक ही है। आपरेशन थियेटर में व्यवस्था को सुचारू रखने के दावे भी खोखले साबित हो रहे हैं। एक आपरेषन थियोटर असिस्टेंट के सहारे सभी रोगों के मरीजों के आपरेशन किए जा रहे हैं। ऐसे में एक अकेला ओटीए कहां कहां अपनी सेवाएं दें। उल्लेखनीय है कि निजी स्वास्थ्य संस्थानों में अपना इलाज करवा पाना हर किसी के वश में नही है। ऐसे में सरकारी अस्पताल ही सहारा होता है लेकिन दूर दराज क्षेत्रों से आने वाले लोगों को यहां पर आकर निराशा ही हाथ लगती है जब उन्हें चिकित्सक की सेवाएं नहीं मिल पाती है। वहीं दूसरी ओर वर्तमान विधायक चुनावों से पूर्व अस्पताल को आए दिन अपने प्रैस बयानों में निशाना बनाते रहे हैं लेकिन अब जब वे खुद सता में है तो व्यवस्था को दुरूस्त करने में असफल साबित हो रहे हैं।
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पूर्व कांग्रेस सरकार में जनता की आवाज पर अस्पताल व्यवस्था को चुस्त दुरूस्त रखने में कोई कसर नहीं छोड़ी गई है। यह बात पूर्व विधायक और जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष बंबर ठाकुर ने कही। उन्होने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नडडा से आग्रह किया कि उनके गृह जिले में चिकित्सकों का न होना दर्शाता है कि यदि यहीं ऐसा हाल है तो देश का क्या हाल होगा। जिला अस्पताल में यदि शीघ्र ही चिकित्सकों की कमी को पूरा न किया गया तो कांग्रेस आंदोलन का रूख अख्तियार करेगी
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सदर विस क्षेत्र बिलासपुर के विधायक सुभाष ठाकुर का कहना है कि बिलासपुर जिला अस्पताल और अन्य स्वास्थ्य संस्थानों में चिकित्सकों की माकूल तैनाती भाजपा सरकार में प्राथमिकता के आधार पर की गई है। जिला अस्पताल में भी चिकित्सकों की कमी को शीघ्र ही दूर कर दिया जाएगा।