जनवक्ता डेस्क, बिलासपुर
आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता डा. तेज प्रताप पांडेय ने कहा है कि पेंशन पर जो बबाल मचा है उसमें होना यह चाहिए कि अगर पेंशन हो तो सभी के लिए हो अन्यथा किसी के लिए भी नहीं हो। उन्होंने कहा कि भाजपा के तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में बनी गठबंधन सरकार के कार्यकाल में यह बखेड़ा उठा था। उन्होने कहा कि राजनीति में लोग अपनी इच्छा से आते हैं और समाज सेवा करने की बात कहते हैं लेकिन आज उनका वेतन और भत्ते इतने अधिक हैं कि कोई कुछ नहीं कहता। यही राजनेता जब कर्मचारियों को पेंशन पर कटौती कर रहे हैं। हैरानी तो इस बात की है कि कोई भी एमएलए या एमपी शपथ लेने के बाद एक दिन भी विधानसभा या संसद में गया हो तो उसे पेंशन लग जाती है लेकिन किसान, बागवान , व्यापारी, छोटे बडे.रेहडी फडी लगाने वाले, उद्यमी, छोटे बडे. पत्रकार .आदि सभी लोग प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से सरकार व समाज की सेवा मे लगे है । किसी भी अप्रत्याशित घटना से .जैसे आग लगना.चोरी होजाना. बीमारी या मृत्यू की हालत मे स्वयं व परिवार के भरण पोषण की समस्या आ जाती है और गुजारा तक मुश्किल हो जाता है। इसलिए सभी को पेंशन मिलनी चाहिए अन्यथा किसी को भी नहीं मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि वह किसी को भी पेंशन मिलने के खिलाफ नही है। किन्तु उन जरुरतमंदो को भी पेंशन मिले जो सरकार या समाज का सहयोग देते रहे है । एक विधायक या सांसद अपने कार्यकाल मे काम करे या न करे उसे सारी सुविधाओं के साथ आजीवन पेन्शन मिलती रहेगी । पांडेय ने बताया कि पेंशन कानून वर्ष 1960 मे बनाया गया और लागू किया गया तब भारत की आर्थिक स्थिति इतनी अच्छी नही थी जितनी आज है । उन्होंने कहा कि पटेल की बडी मूर्ति बनी. जिस पर तीन हजार हजार करोड व्यय हुआ। अरबों रूपये लेकर लोग विदेश चले गये उन पर कोई कार्रवाई नहीं हो पाई । उन्होंने कहा कि ऐसे कार्य करने के लिए सरकार के पास पैसा है अगर नही है तो कर्मचारीयो, .व्यापारियों,. किसानो व मजदूरों के लिए।