प्रदेश उच्च न्यायालय ने की जनहित में दायर याचिका की सुनवाई
मुख्य न्यायाधीश सूर्यकांत और न्यायाधीश संदीप शर्मा ने सुनाया फैसला
जनवक्ता डेस्क, बिलासपुर
प्रदेश उच्च न्यायालय ने नेशनल हाईवे अथॉरिटी को किरतपुर-नेरचौक-मनाली फोरलेन का कार्य जल्द पूरा करने के आदेश दिए हैं। मुख्य न्यायाधीश सूर्यकांत और न्यायाधीश संदीप शर्मा की खंडपीठ ने जनहित में दायर याचिका की सुनवाई के दौरान क्रमबद्ध तरीके से पांच अलग-अलग प्रोजेक्ट का कार्य पूरा करने के आदेश पारित किए हैं। न्यायालय को बताया गया कि किरतपुर-नेरचौक प्रोजेक्ट की कुल लंबाई करीब 85 किमी है, मगर प्रोजेक्ट का कार्य अभी शुरू नहीं हुआ है। मुख्य कंपनी और दूसरे प्रभावित पक्षों के बीच नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल के समक्ष मामला विचाराधीन है। ट्रिब्यूनल ने नेशनल हाईवे अथॉरिटी को आदेश दिए हैं कि वह एग्रीमेंट को रद्द करने के लिए किसी भी तरह का कदम न उठाए। एनएच अथॉरिटी के अधिवक्ता ने न्यायालय को बताया कि उन्होंने नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल के समक्ष इसके आदेशों में संशोधन करने के लिए आवेदन दाखिल कर रखा है। चुनाव आयोग को भी इस बारे में आवेदन किया गया है। नेशनल हाईवे अथॉरिटी को इस प्रोजेक्ट बाबत स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने के आदेश जारी कर दिए गए हैं। स प्रोजेक्ट की कुल लंबाई करीब 23 किमी है, लेकिन अभी तक कार्य एक फीसदी पूरा नहीं हो पाया है। इसका मुख्य कारण यह है कि ठेकेदार ने कार्य शुरू ही नहीं किया हुआ है। उसे 87 करोड़ के लगभग एडवांस राशि का हस्तांतरण हो चुका है। न्यायालय ने आदेश जारी किए हैं कि अगर ठेकेदार इस बाबत कोई सही स्पष्टीकरण नहीं देता है तो नेशनल हाईवे अथॉरिटी को यह छूट होगी कि वह उसके कांट्रेक्ट को रद्द करे और नए ठेकेदार को इस काम पर लगाए। इस प्रोजेक्ट की कुल लंबाई 19 किलोमीटर के लगभग है। इसमें चार सुरंग और 14 पुल बनाए जाने हैं। इस काम को 23 सितंबर 2021 तक पूरा किया जाना है। 31 मार्च 2019 तक करीब 14 फीसदी ही कार्य पूरा हो पाया है। एनएच अथॉरिटी की ओर से न्यायालय को बताया गया कि कार्य प्रगति पर है। यह कार्य निर्धारित समय पर पूरा कर लिया जाएगा। ठेकेदार की ओर से न्यायालय को यह बताया गया कि कुछ स्थानीय लोग सुरंग के निर्माण में बाधा उत्पन्न कर रहे हैं। प्राथमिकी दर्ज करने के बावजूद भी स्थानीय पुलिस कोई कदम नहीं उठा रही है।
साभार अमर उजाला