काली भेड़ों से दोनो ही दलों को खतरा
जनवक्ता डेस्क, बिलासपुर
हाल ही में भाजपा छोड़कर कांग्रेस में आए पूर्व सांसद सुरेश चंदेल का लाभ कांग्रेस पार्टी हर हालत में उठाना चाहती है। लेकिन यह भी पता चला है कि कुछ भाजपा के नेता भी अंदरखाते कांग्रेस के प्रत्याशी के लिए काम करने का वादा कर चुके हैं। देखना यह है कि भाजपा की काली भेड़ें कितना असर डाल पाती है। ऐसे में कांग्रेस में भी विरोध कम नहीं है क्योंकि बिलासपुर जिला कांग्रेस अध्यक्ष बंबर ठाकुर को बिलासपुर से हटा कर मंडी भेजा गया है यह निर्णय भी कांग्रेस पर भारी पड़ने वाला है। सुरेश चंदेल को कितना महत्व दिया गया इसका पता इस बात से चलता है कि उनके कांग्रेस ज्वाइन करते ही जहां हमीरपुर लोकसभा क्षेत्र के प्रत्याशी रामलाल ठाकुर का प्रपोजर उन्हें बनाया गया वहीं हाईकमान ने यह निर्णय भी लिया सुरेश चंदेल को प्रदेश चुनाव समिति के सह संयोजक के रुप में नियुक्त किया जाए और इसके आदेश भी उसी दिन कर दिए गए। सुरेश चंदेल के लंबे राजनीतिक अनुभव को देखते हुए कांग्रेस पार्टी कोई मौका नहीं चूकना चाहती। गौर रहे कि भाजपा कई मामलों में कांग्रेस से आगे हैं और सुरेश चंदेल जैसे व्यक्तित्व ने जहां संगठन में बेहतर कार्य किया है वही राजनीति में भी उनका एक लंबा अनुभव है । यही कारण है कि उन्हें सीधे चुनाव समिति का सह संयोजक बनाया गया है । हमीरपुर में कांग्रेस प्रत्याशी रामलाल ठाकुर के नामांकन समय ं सुरेश चंदेल एकदम उनके साथ रहे। इससे पहले सुरेश चंदेल विपक्ष के नेता तथा विधायक मुकेश अग्निहोत्री से भी गपशप मारते देखे गए वहीं कांग्रेस से भाजपा में आए और भाजपा से फिर कांग्रेस में गए वरिष्ठ नेता दीपक शर्मा से भी उनकी मुलाकात बेहतर रही । कांग्रेस हाईकमान ने सुरेश चंदेल की टिकट की शर्त को माने बिना उन्हें पार्टी में शामिल किया है जिससे लगता है कि कोई गुप्त डील हुई है। वहीं वीरभद्र सिंह और सुखविंदर सुक्खु के बीच में दरार पैदा करने वाले उन दोनों नेताओं जनार्था और बाबा को भी वापस बुलाया गया है जिससे लगता है कि कांग्रेस हर कदम फूंक-फूंक कर रख रही है और उसका मेन फोकस हमीरपुर सीट पर है।