भगवत गीता विश्व की सर्वश्रेष्ठ प्रबंधन गुरू: कुलकर्णी
जनवक्ता डेस्क, बिलासपुर
स्थानीय अलख प्रकाश गोयल एपीजी शिमला विश्वविद्यालय में समकालीन विषय पर 29 प्रबंधन् शोधपत्र पढ़े गए। कार्यक्रम में हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डॉ. सुनील गुप्ता बतौर मुख्यातिथि उपस्थित हुए। जबकि डॉ. कुलवंत पठानिया बतौर मुख्य वक्ता उपस्थित हुए। कार्यक्रम की शुभारंभ दीप प्रज्जवलित करके किया गया। अपने संबोधन में डॉ. सुनील गुप्ता ने कहा कि प्रबंधन में निपुणता समय की मांग है। साईबर क्राइम के चलते आज विश्व जनसमुदाय को प्रबंधन से जोडकर जीवन को सही दिशा में जिया जा सकता है। उन्होंने कहा कि सूचना आदान-प्रदान और दिन प्रति दिन बढ़ती समस्याएं प्रबंधन के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। एपीजी शिमला विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एसएन कुलकर्णी ने कहा कि श्रीकृष्ण ने भागवत गीता के रूप में विश्व को ऐसा प्रबंधन दिया है, जिसके माध्यम से मनुष्य सांसरिक दुखों से निजात पर सकता है। उन्होंने कहा कि आज के प्रबंधकों को भागवत गीता में भगवान कृष्ण के द्वारा बताए गए प्रबंधन पर अध्ययन तथा अमल करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि आज के समय में भगवत गीता प्रांसंगिक है। उन्होंने कहा कि कई बार पर हम बिना कर्म किए ही फल की इच्छा रखते है। कार्यक्रम में पहुंचे मुख्य वक्ता डॉ. कुलवंत पठानिया ने कहा कि प्रबंधन की जरूरत सही दिशा में नहीं हो रही है। जिसके चलते मनुष्य को हर कार्य में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि जिस तरह जीवन बदलता है, उसके अनुरूप एक अनुशासित प्रबंधन की जरूरत है। उन्होंने कहा कि शोधार्थियों को इन विषयों पर वास्तविक अनुसंधान करने चाहिए। इस मौके पर अन्य वक्ताओं के तौर डॉ. दविंद्र कुमार तथा डॉ. विजय कुमार शर्मा ने भी संबोधन दिया। इस मौके पर विश्वविद्यालय के कुलसचिव राजन सहगल, डीन अकादमिक डॉ. कुलदीप चंदेल, प्रो. प्यार सिंह ठाकुर के अलावा सभी विषयों के विभागाध्यक्ष तथा प्राध्यापक तथा छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।