चन्देल में जरा सी भी नैतिकता होती तो कांग्रेस में जाने से पूर्व वह आईसीएआर से त्यागपत्र दे चुके होते
कांग्रेस ने सुरेश चन्देल को भ्रष्टाचार का प्रतीक बताकर सारे प्रदेश में उनके पुतले जलाये थे आज उन्हीं के साथ खड़े
जनवक्ता डेस्क, बिलासपुर
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता बलदेव सिंह तोमर ने कहा कि कांग्रेस में शामिल होना सुरेश चन्देल का व्यक्तिगत मामल है पर व्यक्तिगत स्र्वार्थों और राजनैतिक लाभ के लिए भाजपा के खिलाफ बयानबाजी उनकी अवसरवादिता को प्रकट कर रही है। भाजपा के विरूद्ध बोलने से पूर्व उन्हें यह नहीं भुलना चाहिए कि जिस पार्टी ने उन्हें एक साधारण कार्यकर्ता से प्रदेश अध्यक्ष व तीन बार सांसद बनाया है आज उसी के खिलाफ बोल कर वह लाखों भाजपा कार्यकर्ताओं का अपमान कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सुरेश चन्देल में जरा सी भी नैतिकता होती तो कांग्रेस में जाने से पूर्व वह आईसीएआर से त्यागपत्र दे चुके होते परन्तु नैतिकता का तकाजा यही है कि मोदी सरकार पर कोई भी बयानबाजी करने से पूर्व वह अपने पद से त्यागपत्र दें। भाजपा नेता ने कहा कि सुरेश चन्देल यह भूल रहे हैं कि किसी भी व्यक्ति का राजनैतिक जीवन किसी के षड़यन्त्रों से बनता या बिगड़ता नहीं है यह केवल व्यक्ति के कर्मों पर निर्भर करता है। यह उनके किये कर्म ही है जो आज तक उनकी राजनीति के आड़े आ रहे है। भाजपा तो आॅप्रेशन दुर्योधन के बाद भी उनके साथ खड़ी थी परन्तु जिस कांग्रेस ने सुरेश चन्देल को भ्रष्टाचार का प्रतीक बताकर सारे प्रदेश में उनके पुतले जलाये थे आज उन्हीं के साथ खड़े होकर सुरेश चन्देल कैसा महसुस कर रहे हैं। भाजपा प्रवक्ता ने कांग्रेस नेता सुरेश चन्देल के बयानों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये कहा कि ताउम्र देश पहले, पार्टी बाद में और अन्त में व्यक्तिगत हितों का पाठ पढ़ाने वाले व्यक्ति को उम्र के इस पड़ाव मंे व्यक्तिगत हितों के लिये लड़ते देखना दुःखदायी प्रतीत हो रहा है और व्यक्तिगत अहम की तुष्टि के लिये आरोपो प्रत्यारोपो की राजनीति करके सुरेश चन्देल अपनी वर्षों कमायी इज्जत का दांव पर लगा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सुरेश चन्देल पूर्वाग्रह से पिड़ित होकर राजनैतिक बयानबाजी कर रहे हैं देश में बेरोजगारी के बारे में बयान देने से पूर्व वह यह भूल रहे है कि भाजपा के शासनकाल के दौरान उनके परिवार के सभी सदस्य मल्टी नेशनल कम्पनियों में कार्य कर रहे हैं। इसी तरह प्रदेश सरकार के चमक खोने की याद उन्हें केवल तब आयी जब वह कांग्रेस में चलेे गये। इससे पूर्व तो वह इसी सरकार में कार्य करने के इच्छूक थे।