जनवक्ता डेस्क, बिलासपुर
अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. श्रीकान्त बाल्दी ने आज जल संरक्षण की बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश को समृद्ध बनाने के लिए तथा पानी की कमी से निपटने के लिए और राज्य में पानी के संरक्षण के लिए अतंर विभागीय टास्क फोर्स का गठन किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि पदमश्री राजेन्द्र सिंह के दो दिवसीय सर्वेक्षण के बाद राज्य सरकार पानी के सरंक्षण और राज्य में पानी की कमी को दूर करने के लिए उसके द्वारा सुझाई गई कार्य योजना का पालन करके प्रभावी कदम उठाएगी। उन्होंने कहा कि प्रारम्भिक स्तर पर यह कार्य अश्वनी खड्ड, गुम्मा तथा नॉटी खड्ड के तीन जलग्रहण क्षेत्रों में शुरू किया जाएगा तथा उसके उपरान्त गिरी क्षेत्र को भी इसमें शामिल किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि राजेन्द्र सिंह द्वारा चेक डैम के रूप में विभिन्न छोटे पुलों पर चेक डैम बनाने के सुझावों को भी प्रदेश में लागू किया जाएगा। प्रदेश की टॉपोग्रॉफिकल आवश्यकताओं को जानने के लिए विस्तृत तौर पर सर्वेक्षण किया जाएगा। बाद में नियम तथा शर्तों को निर्धारित करने के बाद इस प्रक्रिया को राज्य के अन्य क्षेत्रों में भी कार्यान्वित किया जाएगा तथा पहाड़ी क्षेत्रों में पानी के संरक्षण की अन्य संभावनाएं भी देखी जाएंगी। उन्होंने कहा कि कृषि, सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य, लोक निर्माण विभाग, ग्रामीण विकास तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग को भी इस कार्य में शामिल किया जाएगा।
भारत के जलपुरूष के नाम से विख्यात पदमश्री राजेन्द्र सिंह ने कहा कि हिमाचल प्रदेश अपार जल स्त्रोतों से समृद्ध है। उन्होंने कहा कि भविष्य में संभावित जल संकट के खतरों से बचने के लिए इसका सही उपयोग तथा संरक्षण करना अत्यन्त आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि सामुदायिक जल विकेन्द्रीकरण प्रबन्धन इसके लिए सबसे कारगर उपाय है, जिसमें स्थानीय लोगों सहभागिता आवश्यक है। उन्होंने कहा कि जल संरक्षण के सम्बन्ध में हमें संगठित होकर आगे आना होगा।
उन्होंने कहा कि राज्य के विभिन्न क्षेत्रों का दौरा तथा टॉपोलॉजी का अध्ययन करने के बाद हिमाचल में जल समृद्धि उपलब्ध करवाने के लिए उपाय खोजने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हम बिना किसी विम्ब के ऐसे स्थानों को चयनित कर प्रदेशभर में समृद्ध जल भंण्डारण सुनिश्चित करेंगे। उन्होंने कहा कि इसके लिए राज्य में शिमला वाटरशेड कायाकल्प समिति का गठन किया है।
बैठक में प्रमुख सचिव कृषि ओंकार चन्द शर्मा, निदेशक ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज राकेश कंवर, भोपाल के जल विशेषज्ञ सुधीन्द्र मोहन शर्मा, राजस्थान के गोपाल सिंह तथा विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी व प्रतिनिधि उपस्थित थे।