जनवक्ता डेस्क, बिलासपुर
भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर आरोप लगाते हुए पूछा कि वह पहले भारत और फिर इसी नाम से इंग्लैंड में बनी कंपनी बैकॉप्स लिमिटेड से अपने संबंधों का खुलासा जनता के समक्ष करें। उन्होंने कहा कि मीडिया में छपी रिपोर्ट के मुताबिक 2002 में भारत में बैकाप्स सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड बनी थी। इस कंपनी में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी निदेशक थे। 2003 में लंदन में इसी नाम से यह कंपनी बनी और उसमें राहुल गांधी के अलावा एक अमेरिकी नागरिक मैकनाइट निदेशक थे। जून 2005 में इसमें राहुल 65 और मैकनाइट के 35 फीसदी हिस्सेदार थे। 2004 में राहुल ने अपने चुनावी हलफनामे में बैकाॅप्स यूरोप तथा तीन बैंक खातों की बात कही थी। 2009 में राहुल गांधी दोनों ही कंपनियों से निकल गए। 2011 में फ्रांसीसी फर्म नवल ग्रुप (डीसीएसएन इंडिया) को भारत सरकार ने स्कापीन पनडुब्बियों के निर्माण का भारत में काॅन्ट्रैक्ट दिया। उस कंपनी ने अपनी भारतीय सहयोगी कंपनी के साथ करार किया। फ्लैश फोर्ज ने 2011.12 में आप्टिकल आर्मर का अधिग्रहण कर लिया। दिलचस्प बात यह रही कि अमेरिकी नागरिक मैकनाइट उस कंपनी में निदेशक बना दिए गए। उन्हें कंपनी के 4.9 फीसदी शेयर दिए गए। जयराम ठाकुर ने कहा कि बैकाप्स का अर्थ बैक आफिस होता है। यह न तो मैन्युफैक्चरिंग में थी और न ही सर्विस सेक्टर में बल्कि लाइजनिंग कंपनी थी। इसका मकसद काम कराके पैसे लेना। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी की मित्र मंडली में एक विंग कमांडर मटू भी थे और उन्हें रखने के पीछे उदेश्य था रक्षा क्षेत्र के सौदे किए जा सके दोनों का लंदन का पता था दो, फंगलनल, लंदन यह लंदन का विशिष्ट इलाका है। इस घर के मालिक थे अजिताभ बच्चन और उनकी पत्नी रोमेला बचन। उन्होंने आरोप लगाया कि 6 पनडुब्बी बनाने का ठेका सरकार से मिला उस ठेके में भारत की एक छोटी सी कंपनी भी चुनी गई। उलरिक मैकनाइट की दो कंपनियों को फ्लैशफोर्स ले लेती है। उसके बाद वे उसके निदेशक बन जाते हैं। उस कंपनी को ऑफसेट कॉन्ट्रैक्ट मिल जाता है इस आॅफसेट कान्ट्रैक्ट का लाभार्थी गांधी परिवार है। उन्होंने कहा कि इससे यही साबित होता है कि इसमें साफ तौर से घोटाला हुआ है।
जयराम ठाकुर ने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि वे खुद तो बिना प्रमाण के उस सोदे पर आरोप लगाते फिर रहे हैं जिसे सीएजी और सुप्रीम कोर्ट ने हरी झंडी दिखाई है। लेकिन उस मामले पर कुछ नहीं बोल रहे हैं जिसमें कई प्रमाण सामने आ गए हैं। उन्होंने कहा कि दूसरे पर एक उंगली उठाने से 4 उंगलियां अपनी और उठ जाती हैं यह बात राहुल गांधी को याद रखने चाहिए।