जनवक्ता डेस्क, बिलासपुर
हिमाचल प्रदेश के भूतपूर्व कल्याण एवं विकास समिति अध्यक्ष कैप्टन बालक राम शर्मा रिटायर्ड ने जारी ब्यान में कहा कि–मैं बड़े हर्ष और गर्व के साथ अपने दिल के विचार भावना को प्रकट करने जा रहा हूँ जो मेरे मन में उस समय से थी, ये एक भावना पैदा हुई कि इस शरीर को मरने के बाद भी देश के काम आये, या किसी के भले के लिए लोंगों के काम आ जाये, तथा लोंगो के दिलों में जिंदा रह सकूँ, मरने के बाद भी जिंदा रह सकूँ, ये एक अंतिम इच्छा है। ये विचार उस समय आया था जब हम एम्स के लिए जागो बिलासपुर मंच के माध्यम से एक आंदोलन कर रहे थे तब हमने कहा था कि एम्स बिलासपुर से नहीं जाने देंगे चाहे हमें बलिदान ही क्यों न देना पड़े, एम्स बिलासपुर में ही रहे क्यों कि खबरों द्वारा हमीरपुर कांगड़ा,या मंडी में ले जाने की खबरें चल रही थी इस लड़ाई में जागो बिलासपुर मंच के लोंगो इलाका वाशियों, बिलासपुर वाशियों का पूरा सहयोग मिलने पर एम्स को बिलासपुर कोठीपुरा में स्थापित हो सरकार को भी मानना पड़ा, 3 अक्टूबर 2017 को माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के करकमलों द्वारा इसका शिलान्यास हुआ, और जागो बिलासपुर मंच कामयाब हुए। राजनैतिक आका चाहे कुछ भी बोलें या श्रेया लेते रहें ।देना सरकार ने ही था।तब से मेरे मन में विचार आया था कि क्यों न अपना इस शरीर को छोड़ने के बाद अपने पार्थिव शरीर को एम्स को दान किया जाए, मेरे दिल में बहुत दिनों से विचारचल रहा था, लेकिन विचार चलता रहा पर आज वो घड़ी आ चुकी है इस घड़ी का इंतजार था इस घड़ी का अभारी हूँ। इसमें कोई भी किसी प्रकार दख़ल मान्य नहीं होगा चाहे मेरी धर्म पत्नी, लीला शर्मा, और मेरे बच्चे लड़का सुनील शर्मा, बेटी मीनाक्षी शर्मा और छोटी बेटी पूनम शर्मा का विरोध मान्य नहीं होगा, मैं अपनी स्वेच्छा से मरने के बाद पार्थिव शरीर को अपने होशोहवास से ठीक ठाक शेप वन में किसी प्रकार की कोई प्रॉब्लम नहीं कोई बीमारी नहीं एक दम फिट सैनिक सोल्जर होना गर्व, तिरंगें की शान शरहद पर जी जान से काम करने मौक़ा मिला देश सेवा की, अब जब मेरा इस देह को त्याग हो इस पार्थिव शरीर को एम्स हॉस्पिटल को दान करने की घोषणा करता हूँ। मुझे गर्व होगा कि मेरा ये शरीर देश के किसी काम में आ जाये,