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बिलासपुर वासियों की सेवा करना चाहती है राजकुमारी डॉक्टर सुनंदा चांद

Byjanadmin

May 8, 2019

बिलासपुर (कहलूर) रियासत के अंतिम शासक राजा आनंद चन्द्र की पुत्री है सुनंदा चांद

ईग्लैंड के लंदन में 10 वर्ष डॉक्टरी करने के बाद आई अपने लोगों की याद

जनवक्ता डेस्क, बिलासपुर

बिलासपुर (कहलूर) रियासत के अंतिम शासक राजा आनंद चाँद की पुत्री राजकुमारी डॉ सुनंदा चांद इंग्लैंड से वापिस अपने जिले में बतौर समाज सेवा करन आ गई है ।सुनन्दा  बिलासपुर के लोगों की आवाज बनना चाहती हैं और उनकी  ख्वाइश  है कि वह उन लोगों की सहायता करें, जिनकी कोई पहुंच नहीं है और जो खुद को असहाय महसूस करते हैं। उन्होंने बताया कि जिस में वह 7 वर्ष की थी उस समय उसकी माता उन्हें लेकर इंग्लैंड चली गई थी। उन्होंने बताया कि इंग्लैंड में ही उन्होंने शिक्षा ग्रहण की तथा एमबीबीएस की डिग्री लेकर वहां पर लगभग 10 साल डॉक्टरी की प्रैक्टिस की । उन्होंने कहा कि भले ही वह राजा आनंद चंद की पुत्री थी लेकिन उन्होंने अपना जीवन आम व्यक्ति की तरह बिताया और राजकुमारी की तरह रहने का कोई लाभ उन्होंने नहीं लिया । उन्होंने बिलासपुर के लोगों की तारीफ करते हुए बताया कि अभी भी लोग उनके पिता राजा आनंद चांद को भूले नहीं है क्योंकि बिलासपुर के अंतिम शासक राजा अनंत चंद ने बेहतर कार्य करके लोगों के दिलों में अपनी जगह बना ली थी और वह भी अब डॉक्टरी जैसे पेशे को छोड़कर जनसेवा करना चाहती हैं। उन्होंने अभी हाल ही जिले के हरलोग क्षेत्र में साढ़े तीन साल की बच्ची के साथ हुए दुराचार को लेकर चर्चा की और कहा कि दरिंदों ने देवभूमि को शर्मशार कर दिया है ।ऐसे में हम सभी को इस तरह की हो रही घटनाओं को रोकने को के लिए  कड़े प्रयास करने होंगे । बुधवार को उन्होंने बिलासपुर में एक प्रेसवार्ता  आयोजित की जिसमें उन्होंने अपने आप को बतौर समाज सेविका  कार्य करने की  इच्छा  व्यक्त की।उन्होंने कहा कि वह महिला सशक्तिकरण की प्रबल समर्थक हैं और महिलाओं को समानता का अधिकार मिलना चाहिए। अबोध बच्चियों, युवतियों और महिलाओं के किसी भी रूप में प्रताडि़त होने का उन्हें बहुत अधिक दुख होता है और ऐसी घटनाएं समाज के माथे पर कलंक हैं। ऐसे में वह एक मां और एक औरत होने के नाते समाज के उन घिनौने लोगों की ओच्छी हरकतों को अच्छी तरह से समझ सकती हैं। पीडि़त महिलाओं को तुरंत न्याय और आरोपियों को कड़ी सजा का प्रावधान होना चाहिए। साथ ही स्कूलों में इस प्रकार की घटनाओं को रोकने की दिशा में गंभीरता से निर्णय उठाने होंगे। उन्होंने यह भी कहा कि लोगों ने उन्हें बताया कि पिछले कुछ वर्षों से बिलासपुर का कोई खास विकास नहीं हो पाया और इस बार लोगों को सोच-समझ कर ही अपने मत का उपयोग करना चाहिए। उन्होंने अपनी पूर्व में रही यादों को भी साँझा किया । गौरतलब है कि जिले के कई क्षेत्रों से बिलासपुर रियासत के अंतिम शासक रहे  राजा आनंद चाँद की पुत्री डॉ सुनंदा चांद को देखने के जिज्ञासु है

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