जयराम ठाकुर ईमानदार और कर्मठ मुख्यमंत्री हैं जिसे वीरभद्र सिंह मीडिया में खुद भी स्वीकार कर चुके हैं
जनवक्ता डेस्क, बिलासपुर
हिमाचल प्रदेश के कैबिनेट मंत्रियों सुरेश भारद्वाज और डा0 राजीव सैजल ने कांग्रेस नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह द्वारा मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को “डरपोक“ बताए जाने को बुजुर्ग नेता की गरिमा के प्रतिकूल बताया है। उन्होंने कहा कि जयराम ठाकुर ईमानदार और कर्मठ मुख्यमंत्री हैं जिसे वीरभद्र सिंह मीडिया में खुद भी स्वीकार कर चुके हैं। उनका कहना है कि मुख्यमंत्री के विनम्र स्वभाव को लेकर वीरभद्र सिंह की टिप्पणी उनकी अपनी प्रतिष्ठा से मेल नहीं खाती। शिक्षामंत्री सुरेश भारद्वाज और समाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डा0 राजीव सैजल ने कहा कि डरता वो है जो कोई भ्रष्टाचार तथा गलत काम करता है। जयराम ठाकुर पांचवी बार विधायक बने हैं और पूर्व में मंत्री भी रह चुके हैं। उनका लंबा राजनीतिक जीवन पूरी तरह से बेदाग है। जबकि सरकार में ऊंचे पदों पर रहे कांग्रेस के बड़े-बड़े नेता भ्रष्टाचार में पूरी तरह लिप्त रहे हैं। इसलिए डरना कांग्रेस के नेताओं को चाहिए। वरिष्ठ भाजपा नेताओं का कहना है कि यह सोचने की बात है कि चंद रोज पहले मीडिया में दिए एक इंटरव्यू में वीरभद्र सिंह ने कहा था कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर कर्मठ और ईमानदार हैं। वही आज दोषारोपण कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि कांग्रेस का एक गुट वीरभद्र सिंह से भ्रामक एवं स्तरहीन बयानबाजी करवा रहा है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर भाजपा के “सबका साथ सबका विकास“ नारे को अमल में ला रहे हैं। वे किसी को न तो डराते हैं और न ही किसी से डरते हैं। कानून के मुताबिक काम करने वाले कर्मचारियों और अधिकारियों को अपना काम ईमानदारी से करने की पूरी छूट है। ऐसा माहौल पूर्व की कांग्रेस सरकारों के समय कभी नहीं रहा। उस समय कांग्रेसी मुख्यमंत्री भ्रष्टाचारियों से डर कर दबाव में काम करते थे और ईमानदार कर्मचारियों को डराया जाता था। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के वयोवृद्ध एवं मंझे हुए नेता वीरभद्र सिंह चुनाव के गर्म माहौल में भी अपने सधे हुए बयानों के लिए जाने जाते हैं। अपने राजनीतिक विरोधियों के प्रति भी वे सम्मान से पेश आते रहे हैं। लेकिन ऐसा लगता है कि कुछ लोग उन्हें गुमराह कर इस तरह के बयान दिलवा देते हैं जो उनकी निजी छवि पर भी बुरा असर पड़ता है। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री को प्रदेश के निर्वाचित मुख्यमंत्री के बारे में सोच-समझकर बयान देने की सलाह दी।