जनवक्ता डेस्क, बिलासपुर
हिमाचल प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती ने कांग्रेस द्वारा 1984 के सिख नरसंहार को जायज ठहराने की निंदा करते हुए मांग की है कि हजारों सिखों की हत्या के लिए जिम्मेवार पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी से भारत रत्न वापस लिया जाए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस इतने बड़े अपराध के लिए देशभक्त सिखों और राष्ट्र से माफी मांगने को तैयार नहीं है। उन्होंने राहुल गांधी के राजनैतिक सलहाकार और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सैम पित्रोदा के उस बयान को शर्मनाक बताया जिसमें की जिसमें सिखों के हत्या कांड के बारे में कहा गया था कि “अगर यह हुआ तो क्या हुआ“। सतपाल सिंह सत्ती ने कहा कि दिल्ली से लेकर पूरे देश में पांच हजार से ज्यादा सिखों को 1984 में जिंदा जलाया गया। सिख महिलाओं की इज्जत लूटी गई और उनके दूकान व मकान भी लूट लिए गये। राजीव गांधी ने इसे जायज ठहराते हुए कहा था कि जब कोई बड़ा पेड़ गिरता है तो धरती कांपती ही है। इस बयान ने कांग्रेसियों को सिखों के हत्याकांड और लूटपाट के लिए उकसाया। राजीव गांधी के इशारे पर पुलिस ने सिखांे के हत्यारों के खिलाफ केस नहीं दर्ज किए। जहां कहीं पुलिस के ईमानदार अफसरों ने दोषियों पर केस दर्ज किया तो उसे इतना कमजोर बना दिया गया कि अपराधी बरी हो गये। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रयासों से सिखों के हत्यारे एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सज्जन कुमार को उम्र कैद की सजा मिली। जबकि एक अन्य वरिष्ठ कांग्रेसी कमल नाथ को राहुल गांधी ने मध्यप्रदेश का मुख्यमंत्री बना दिया। कांग्रेस शुरू से ही सिखों के प्रति अपने रवैये को जायज ठहराती रही है। राजीव गांधी से लेकर राहुल गांधी तक ने सिखों और देश से माफी मांगना जरूरी नहीं समझा। भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस और पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी सिखों के हत्यारें है। कांग्रेस को इस पाप के लिए कभी क्षमा नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि नरसंहार के 35 वर्ष बीत जाने के बावजूद दोषियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई और और पीड़ितों को मुवावजा नहीं मिला। कांग्रेस लगातार सिखों के जले पर नमक छिड़क रही है। इसी कड़ी में अब राहुल गांधी के राजनैतिक सलाहकार सैम पित्रोदा ने बयान दिया कि नरसंहार हुआ तो क्या हुआ। उनके लिए अल्पसंख्यक सिखों की जान की कोई कीमत नहीं है। उन्होंने कहा कि राजीव गांधी की मृत्यु के बाद कांग्रेस सरकार ने उन्हें सिख नरसंहार के ईनाम के तौर पर देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न देकर एक अपराध किया था। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मांग की है कि हजारों सिखों के कत्लेआम के दोषी से भारत रत्न वापस लिया जाए। इससे देश की जनता और विशेषकर सिख समुदाय की भावनाओं पर कुछ मरहम लगेगा।