जनवक्ता डेस्क, बिलासपुर
मुख्य सचिव बी.के. अग्रवाल ने सोमवार की शाम को नई दिल्ली में भारत सरकार सड़क परिवहन और राजमार्ग, जहाजरानी मंत्रालय के सचिव संजीव रंजन के साथ भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) की सभी मार्गों की दयनीय स्थिति के बारे में बैठक की।
उन्होंने कहा कि एनएचएआई अच्छी तरह से और नियमित रूप से 774 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्गों का रखरखाव नहीं कर रहा है। उन्होंने कहा कि मुख्य रूप से राज्य के पहाड़ी क्षेत्रों में नियमित रखरखाव के लिए आवश्यक फील्ड स्टाफ व श्रमिकां की कमी के कारण यातायात के लिए सुरक्षित नहीं हैं और इसके कारण राज्य सरकार जनता, जनता के प्रतिनिधियों और मीडिया के सामने नाराजगी की स्थिति का सामना कर रही है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने सुझाव दिया है कि इनकी रखरखाव गतिविधियों को राज्य लोक निर्माण विभाग के एनएच विंग को एनएचएआई के जमा कार्यों डिपॉजिट वर्कस के रूप में सौंपा जा सकता है। उन्होंने कहा कि स्टेट पीडब्ल्यूडी के पास नियमित रखरखाव के लिए पर्याप्त फिल्छ जनशक्ति और बुनियादी ढांचा है।
बी.के. अग्रवाल ने संजीव रंजन को किरतपुर-नेरचौक परियोजनाओं (84.38 किलोमीटर) के फोर-लेनिंग का कार्य जोकि जून, 2018 से बन्द पड़ा है, के बारे में अवगत करवाया। उन्होंने कहा कि यह राजमार्ग कुल्लू व मण्डी जैसे पर्यटन स्थलों तक जाने वाली जीवनरेखा है। उन्होंने राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को इस परियोजना में दोबारा कार्य शुरू करने व 2012 से लम्बित कार्य को बिना किसी विलम्ब से पूरा करने का अनुरोध किया।
उन्होंने कहा कि नेरचौक-पंडोह परियोजना (26.29 किलोमीटर) का कार्य बहुत धीमी गति से चल रहा है और उन्होंने एनएचएआई से इस परियोजना पर कार्य को तेज करने के लिए निर्देश देने का अनुरोध किया है। उन्होंने पिंजौर-बद्दी-नालागढ़ फोर-लेनिंग परियोजना के लिए 31.400 किलोमीटर की लम्बाई (हिमाचल प्रदेश में 17.00 किलोमीटर) में हो रहे विलम्ब के बारे में भी अवगत करवाया और कहा कि इन सड़कों का काम जल्द से जल्द शुरू किया जाए।
भारत सरकार के सड़क परिवहन और राजमार्ग, जहाजरानी मंत्रालय के सचिव संजीव रंजन ने आश्वासन दिया कि इन सड़कों को प्राथमिकता के रूप में लिया जाएगा और यह भी आश्वासन दिया कि इन सड़कों पर काम जल्द से जल्द शुरू किया जाएगा।