आग लगाने वाले असमाजिक तत्वों पर रखें कड़ी नजर
जनवक्ता डेस्क, बिलासपुर
गर्मी के मौसम में आगजनी की घटनाओं को रोकने के लिए किए जा रहे हैं व्यापक प्रयास ताकि पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ वन सम्पदा, जंगली जानवरों, जीव जंतुओं के जीवन को बचाया जा सके। यह बात उपायुक्त विवेक भाटिया ने जंगलों में आगजनी की घटनाओं को रोकने के संदर्भ में आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही। उन्होंने कहा कि समाज के प्रत्येक वर्ग का दायित्व है कि जंगलों में आग लगाने वाले असमाजिक तत्वों पर कड़ी नजर रखें और उनकी सूचना तुरंत प्रशासन को देना सुनिश्चित करें ताकि आग लगाने वालों के विरूद्ध कड़ी कारवाई अमल में लाई जा सकें और उन्हें प्रावधानों के अनुसार दंडित किया जा सके। उन्होंने बताया कि आग की सूचना देने के लिए टोल- फ्री 1077 पर सूचित करें जो कि 24 घंटे कार्यरत है।उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि गत् वर्ष मई माह तक 111 मामले आगजनी के सामने आए थे जबकि इस बार मई माह तक जागरूकता के चलते केवल 7 मामले आगजनी के सामने आए हैं। उन्होंने सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि जिला के उन स्थानों को चिन्हित करना सुनिश्चित बनाएं जहां गत् 5 वर्षों में निरन्तर आगजनी के मामले सामने आए हैं इन पंचायत क्षेत्रों को रेड पंचायत के रूप में चिन्हित किया जाएगा और इन पर गहन दृष्टि रखी जाएगी ताकि इन क्षेत्रों में होने वाली आगजनी की घटनाओं पर नियत्रंण रखा जा सकें। उन्होंने एसडीएम और बीडीओ को निर्देश दिए कि आगामी एक सप्ताह के भीतर बैठक करके लोगों को जागरूक करें। उन्होंने बताया कि आगजनी की घटनाओं पर नियत्रंण रखने के लिए सम्बन्धित विभागों के अतिरिक्त पंचायत प्रतिनिधियों, महिला व युवक मंडलों स्वयं सेवियों के अलावा स्थानीय लोगों की भी सहभागिता सुनिश्चित बनाएं ताकि आगजनी के दौरान आपसी सहयोग से प्रारम्भिक स्तर पर ही काबू पाया जा सके।उन्होंने कहा कि यह अत्यंत खेद का विषय है कि अधिकांश लोगों का मामना है कि जंगलों में आग लगाने से घास की पैदावार में बढ़ौतरी होती है जबकि सच्चाई यह है कि इससे ना केवल भूमि की नमी में कमी आने के कारण प्राकृतिक जल स़्त्रोतों को नुकसान पहुंचता है और घास की गुणवता भी नष्ट होती है और जंगली जानवर भी बिना मौत के मारे जाते हैं। उन्होंने कहा कि जिला में जंगलों में चीड़ की पत्तियों को इक्टठा करके एसीसी बरमाणा को भेजा जाएगा। उन्होंने विद्युत विभाग को भी निर्देश दिए कि वह अपने बिजली के ट्रांस्फारमरों के आस-पास की झाडियों की कटाई व पेड़-पौधों की छंटाई करके रिपोर्ट भेजना सुनिश्चित करें।
उन्होंने शिक्षा विभाग से भी आग्रह किया कि वह स्कूली बच्चों को जंगलों में आग लगने से होने वाले नुकसानों के बारे में बताएं ताकि वे इस संदेश कोे घर-घर तक पहुंचाकर परिवार तथा समाज को जागरूक करें ताकि जंगलों को आग से बचाया जा सके। उन्होंने बताया कि जिला के रेवन्यू गांव वाईज 2-2 स्वयं सेवी नियुक्त किए जाएंगे जो कि क्षेत्र में होने वाली आगजनी की घटनाओं पर पूर्णतयः नजर रखेंगे।
डीएफओ सरोज भाई पटेल ने जिला में आगजनी की घटनाओं को लेकर किए जा रहे विशेष प्रबन्धों की विस्तृत जानकारी दी।
इस मौके पर कंमाडैंट अजय बौध, डीआरओ देवी राम, अधिशाषी अभियंता विद्युत एमएस गुलेरिया, एसडीएम प्रियंका वर्मा, विकास शर्मा, एसीएफ सुकल्प शर्मा, पीओ डीआरडीए संजीत सिंह, बीडीओ गौरव धीमान, एसडीओ आईपीएच पुनीत शर्मा, विभिन्न गांव के नम्बरदारों के अतिरिक्त सम्बन्धित विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।