जनवक्ता डेस्क, बिलासपुर
हिमाचल प्रदेश कर्मचारी राजनीति में अग्रणी भूमिका निभाने वाले पर्यटन विभाग कर्मचारी संघ के पूर्व राज्य महासचिव और अब हिमाचल हाईकोर्ट में वरिष्ठ अधिवक्ता ओमप्रकाश गोयल ने कहा है कि हिमाचल प्रदेश में प्राय हर परिवार से एक सदस्य सरकारी नौकरी में है ,जिनकी प्रदेश में लगभग तीन लाख संख्या है, जो राज्य में प्रत्येक चुनाव को प्रभावित करते हैं ।
ओमप्रकाश गोयल ने कहा कि कर्मचारियो और पेंशनरों की कुल संख्या लगभग 11 लाख है , जो औसतन एक परिवार में 4 सदस्य के आधार पर कुल संख्या 44 लाख बनती है । इसलिए जिस भी सरकार या राजनेता ने इन दोनों वर्गों के हितों से खिलवाड़ करने या उन्हें तंग व प्रताड़ित करने की कोशिश की उन्हें अब तक के पिछले सभी विधान सभा और संसदीय चुनाव में हार का सामना करना पड़ा है। उन्होने कहा कि वर्तमान जयराम ठाकुर सरकार ने पिछली सभी सरकारों से हट कर इन वर्गों की मांगों ,कठिनाईयो और समस्याओं को सुलझाने और प्रदेश में भ्रष्टाचार मुक्त तथा भयमुक्त शासन-प्रशासन उपलब्ध करवा कर समाज के सभी वर्गों से न्याय करने का प्रयास किया है
ओमप्रकाश गोयल ने कहा कि कुछ वर्ष पूर्व उन्होने तत्कालीन मुख्यमंत्री को पर्यटन विभाग में हुए कथित घपलों –घोटालों की प्रमाणों सहित लिखित शिकायत करते हुए सबंधित दोषी अधिकारियों को कानून के अधीन दंडित करने की मांग की थी , किन्तु कुछ उच्च अधिकारियों और राजनेताओं की मिलीभगत से बिना छानबीन किए ही उन सभी अनियमितताओं और घोटालों को सदा के लिए दफन कर दिया गया और उल्टे उन्हें इन भ्रष्टाचार की शिकायतें करने के दंड स्वरूप नौकरी से निकाल बाहर किया गया । उन्होने कहा कि वर्तमान मुख्यमंत्री और तब भाजपा के राज्य अध्यक्ष जयराम ठाकुर ने राज्यपाल को एक लिखित ज्ञापन देकर मेरे साथ हुए अन्याय को समाप्त करने की मांग की थी ,किन्तु उस पर कोई भी कार्यवाही नहीं हुई और वे तब से लेकर अब तक बिना न्याय प्राप्त किए भ्रष्टाचार की शिकायत करने का बर्खास्तगी के रूप में निरंतर दंड भुगत रहे हैं ।
गोयल ने कहा कि उन्होने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से मिलकर न्याय दिये जाने और दोषी अधिकारियों को दंडित करने की मांग की है, जिस पर मुख्यमंत्री ने उन्हें न्याय दिये जाने का आश्वासन भी दिया है और उन्हें आशा है कि वे शीघ्र न्याय प्राप्त करेंगे । उन्होने कहा कि इस बार रोष स्वरूप उन्होने किसी भी पार्टी को अपना वोट न देकर “ नोटा “ दबाया है और यदि उन्हें न्याय नहीं मिला तो वे विधान सभा चुनाव से पूर्व प्रदेश भर में कर्मचारियों और पेंशनरों को जागरूक करके अगली रणनीति तय करेंगे ,जिसका सारा उत्तरदाईतव सरकार पर होगा ।