हिमाचल सरकार से न्यायालय में सहयोगात्मक रुख अपनाने का आग्रह
जनवक्ता डेस्क, बिलासपुर
सर्वदलीय भाखड़ा विस्थापित समिति ने जहां न्याय प्राप्त करने के लिए उनके द्वारा हिमाचल हाईकोर्ट में दी गई याचिका के परिणाम स्वरूप विस्थापितों को न्याय उपलब्ध होने का विश्वास व्यक्त किया है , वहीं उन्होने हिमाचल सरकार से भी न्यायालय में उनके हित में सत्य पर आधारित सहयोगात्मक रुख अपनाने का आग्रह भी किया है ताकि पिछले 60 वर्षों से विस्थापितों की निरंतर चली आ रही समस्याओं , कठिनाईओं का अंत हो सके और सदैव के लिए स्थाई हल निकाला जा सके । विस्थापित समिति के महामंत्री जयकुमार की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में एक सर्वसम्मत प्रस्ताव में राय व्यक्त की गई कि उनकी निरंतर लंबे समय से चली आ रही मांगों पर यदि मुख्यमंत्री और प्रदेश सरकार सहयोगात्मक कदम उठा कर विस्थापितों के प्रतिनिधि मण्डल से वार्ता करके उनकी समस्याओं को सुलझाने के लिए आगे आए तो उसके लिए भी विस्थापित समिति सदा तैयार है । समिति ने विश्वास प्रकट किया कि हिमाचल विधान सभा के सर्वसम्मत प्रस्ताव के अनुरूप और बिलासपुर जिला के तीनों भाजपा विधायकों सहित चारों ही विधायकों के आग्रह को स्वीकार करते हुए और विधान सभा में दिये गए अपने आश्वासन के अनुसार मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर जी तुरंत प्रभाव से इस विषय पर उपयुक्त आदेश देकर समस्याओं को सुलझायेंगे । समिति ने एक अन्य प्रस्ताव में हिमाचल हाईकोर्ट का धन्यवाद किया है कि विस्थापितों द्वारा दी गई याचिका की प्रथम सुनवाई पर ही कोर्ट ने नगर परिषद बिलासपुर द्वारा भाखड़ा विस्थापितों से जबरदस्ती गृह कर वसूलने पर रोक लगा दी है , जिससे विस्थापितों ने राहत की सांस ली है और उन्हे दृढ़ विश्वास है कि उनकी याचिका के शेष विषयों पर भी 25 जुलाई को होने वाली सुनवाई के दिन भी उपयुक्त आदेश देकर उन्हें अवश्य ही न्याय प्रदान होगा । समिति ने न्यायालय के आदेशानुसार गृह कर जमा ना करवाने का भी सभी विस्थापितों से आग्रह किया है। समिति ने एक प्रस्ताव मे स्पष्ट किया कि क्यूँ कि यह समिति सर्वदलीय है और पूरी तरह से अराजनैतिक है , फिर भी समिति के एक घटक की प्रसन्नता में शामिल होते हुए समिति ने संसदीय चुनाव में भाजपा की भारी विजय के लिए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को इस विजय के लिए बधाई दी है और साथ ही विरोधी पक्ष से चुनावी हार से निराश न होने का आग्रह किया है । समिति ने पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार के उस वक्तव्य से अपनी सहमति प्रकट की है जिसमें उन्होने कहा है कि एक सशक्त लोकतन्त्र के लिए एक सशक्त विरोध पक्ष अत्यंत आवश्यक है ताकि सत्ता पक्ष के किसी भी नेता को जनहित में पथ से भटकने से रोका जा सके और लोकतन्त्र तथा संविधान के वास्तविक मूल्यों और सिद्धांतों का पालन तथा जनता को न्याय व समान व्यवहार सुनिश्चित हो सके । समिति के अगली बैठक 23 जून को नगर के परिधि गृह में शाम पाँच बजे निर्धारित की है । बैठक में अन्यों के अतिरिक्त राजपाल , अमृत लाल ,अमरसिंह कोंडल , अमृत नड्डा , जे के नड्डा , सुखराम चौहान , एस आर आज़ाद , नन्द लाल कोंडल , आर के शर्मा , विमला चौधरी , ओंकार दास कौशल , जयपाल ,करपाल सिंह , रमेश कुमार , प्रदीप कुमार , हंसराज कपिल , रामसिंह , सोहन लाल कोंडल , अमरजीत पँवार , रशीद अहमद , राज टाडू , जगदीश कोंडल ,ओमप्रकाश गर्ग , देवीराम वर्मा , सोमादेवी , ब्रह्मानन्द शर्मा , नन्द किशोर और राजेन्द्र शर्मा आदि ने भाग लिया ।