जिला कांग्रेस अध्यक्ष बम्बर ठाकुर को सौंपा ज्ञापन
मौजूदा नगर परिषद अध्यक्षा सोमा देवी पर लगाया आरोप
कहा, उनकी मूक सहमति से शहर पर गृहकर अधिरोपित हुआ
जनवक्ता डेस्क, बिलासपुर
वार्ड नम्बर 2 के पार्षद व नगर परिषद बिलासपुर के उपाध्यक्ष कमलेन्द्र कश्यप ने जिला कांग्रेस अध्यक्ष बम्बर ठाकुर को अपने पद से इस्तीफा देने की पेशकश की है और मौजूदा नगर परिषद अध्यक्षा सोमा देवी पर आरोप लगाया कि उनकी मूक सहमति से शहर पर गृहकर अधिरोपित हुआ है। उन्होंने कहा कि क्योंकि गृहकर लगने से पहले उन्होंने एक पत्र अध्यक्षा को देकर मांग की थी कि वे नगर परिषद की बैठक को बुलाये जिसमे विरोध की प्रस्तावना प्रदेश शहरी विकास विभाग को विरोध स्वरूप ज्ञापन सौंपेंगे। परन्तु उन्होंने बैठक नही बुलाई। इससे विभाग ने अपने तौर पर गृहकर अधिरोपित कर दिया। उन्होंने कहा कि यही कारण है कि जिससे इन लोकसभा चुनावों में भाजपा को बढ़त मिली है। उन्होंने कहा कि जिसका उन्होंने पहले भी विरोध किया था व अब भी कर रहे है तथा आगे भी करते रहेंगे। उन्होंने कहा कि भाखड़ा विस्थापित शहर बिलासपुर पर गृहकर थोपना सही नही है क्योंकि यह शहर बहुत सी जटिलताओं से जूझ रहा है। माननीय उच्च न्यायालय में कई प्रकार के केस दर्ज है। जो किसी भी समय विस्फोटक रूप ले सकते है। ऐसे में एक और समस्या शहर में गृहकर के रूप में थोप कर दे दी गई। उन्होंने कहा कि वह इसका हर स्तर पर विरोध करते आये है। यही कारण है कि नगर परिषद की बैठक में उन्होंने सहमति नही होने दी।परन्तु मौजूदा अध्यक्षा द्वारा इसे मूक सहमति से लागू कर दिया गया। जो कि सरासर गलत है। उन्होंने आरोप लगाया कि अभी तक लोगों द्वारा इकट्ठा किया गया गृहकर का एक भी पैसा लोगो के विकास कार्यों पर खर्च नही हुआ। यहाँ तक कि पूर्व जिलाधीश द्वारा मंजूर किये गए टेंडर भी मौजूदा अध्यक्षा नही करवा पाई। उन्होंने कहा कि शहर के सभी शौचालय जीर्ण शीर्ण है व कई जगहों पर नए बनाने है। पानी की टँकीयों को आधुनिक करना आवश्यक है। शहर की नालियों व गलियों की मुररम्मत तक नही हो रही। तीन वर्ष के कार्यकाल के दौरान केवल पार्कों का कार्य हुआ है वह भी उन्होंने स्वयं तत्कालीन विधायक बम्बर ठाकुर से मांग की थी तब हो पाया है। शहर में गुरुद्वारा के पास बन रही पार्किंग का कार्य भी कई वर्षों से बंद है। जिसकी कोई मांग अध्यक्षा ने नही की। उन्होंने कहा कि किसी भी विभाग को नगर परिषद के सहयोग के लिए अध्यक्षा द्वारा पत्राचार नही किया गया। नगर परिषद की बैठकों में अब तक पारित हजारों प्रस्तावों को खोल कर देखना व पूरा करने का प्रयास भी मौजूदा अध्यक्षा द्वारा नही किया गया। कमलेन्द्र कश्यप ने कहा कि उन्होंने अभी तक छः अध्यक्षों के साथ कार्य किया है परन्तु यह पहली अध्यक्षा जो कि तानाशाह के रूप में कार्य कर शहर के विकास को रोकने का प्रयास कर रही है। इससे पहले के सभी अध्यक्षों ने विपरीत विचारधारा के होने के बावजूद मिलकर कर कार्य किया। उन्होंने कहा कि शहर में गृहकर लगाना तब सार्थक था जब शहर के लोगों को सभी सुविधाएं प्रदान कर दी जाती। हर वार्ड में 2-4 पानी की टंकियां, सर्वजिनिक शौचालय, पार्किंग, गलियां व नालियां पक्की व खेल का मैदान हर वार्ड में होंना चाहिए था। यह सारा कार्य बीबीएमबी का नैतिक दायित्व था जो कि उनके द्वारा पूरा होना चाहिए था। गृहकर भी बीबीएमबी को ही देना चाहिए। भाखड़ा विस्थापितों के हकों पर फल फूल रहे बीबीएमबी का यह नैतिक दायित्व है व सर्वोच्च न्यायालय ने भी इसके आदेश दिए है।