जनवक्ता डेस्क, बिलासपुर
हिमाचल प्रदेश राज्य जैव विविधता बोर्ड द्वारा भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के सहयोग से जिला सोलन के बद्दी में ‘प्रदेश में विद्यमान जैव विविधता और उद्योगों में इसका उपयोग’ विषय पर सम्मेलन आयोजित किया गया। प्रदेश जैव विविधता बोर्ड के सदस्य सचिव डी.सी राणा ने सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए कहा कि वैश्विक जैविक संसाधन के क्षेत्र में हिमाचल प्रदेश का अहम योगदान है। प्रदेश में काफी मात्रा में जैव संसाधनों की उपलब्धता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में जैविक उत्पादों की स्थानीय प्रजातियां उपलब्ध होने से ग्रामीण स्तर पर सामाजिक व आर्थिक वृद्धि की संभावनाएं हैं जिसे जैव विविधता बोर्ड, उद्योग, ग्रामीण विकास संस्थानों तथा शिक्षाविदों के सहयोग व समन्वित प्रयासां से सुनिश्चित किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि जैव संसाधन सम्मेलन में प्रदेश के लोगों की आर्थिकी में बदलाव लाने के महत्त्वपूर्ण मुद्दों पर विशेष ध्यान दिया गया। उन्होंने कहा कि जैव विविधता और इसके सभी मूल्यवान घटकों के संरक्षण पर ध्यान केन्द्रित करना ही समय की मांग है। सम्मेलन में राष्ट्रीय जैव विविधता प्राधिकरण के पूर्व अध्यक्ष पी.एल गौतम, पूर्व महानिदेशक एन.बी.पी.जी.आर (नेशनल ब्यूरो ऑफ प्लांट जेनेटिक रिसोर्स) प्रो. पुष्पा कुमार लक्ष्यमणन, अध्यक्ष सी.आई.आई, हिमाचल प्रदेश राज्य परिषद कर्नल शैलेश पाठक, वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी, हिमाचल प्रदेश राज्य जैव विविधता बोर्ड शुभ्रा बैनर्जी तथा विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने भी सम्मेलन में भाग लिया।