आपदा के दौरान टोल फ्री नम्बर 1077 और 112 करें डायल
एनटीपीसी. और बीबीएमबी पानी छोडने की पूर्व चेतावनी एवं सूचना समय रहते करें जारी
जनवक्ता डेस्क, बिलासपुर
आगामी मानसून के मौसम में प्राकृतिक आपदाओं से बचने के लिए जिला ने तैयारियां शुरू कर दी है। सभी विभाग आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए कार्य योजना तैयार करें ताकि आपदा के दौरान किसी प्रकार की समस्या का सामना न करना पडे और होने वाले नुक्सान को कम किया जा सके। यह बात उपायुक्त बिलासपुर राजेश्वर गोयल ने मानसून सीज़न के लिए तैयार रहने तथा जान-माल की क्षति से बचाव के लिए बुलाई गई अधिकारियों की बैठक को सम्बोधित करते हुए कही। उन्होने कहा कि आपदा के दौरान जिला आपदा प्रबन्धन द्वारा उपायुक्त कार्यालय में कंट्रोलरूम बनाया गया है जिसका टोल फ्री नम्बर 1077 है जोकि 24 घण्टे कार्यरत है इसके अतिरिक्त दूरभाष नम्बर 112 पर भी आपातकालीन स्थिति में सम्पर्क कर सकते है। उन्होने एनटीपीसी. और बीबीएमबी. के अधिकारियों से कहा कि डैमों में जलस्तर बढने के कारण पानी छोडने की पूर्व चेतावनी एवं सूचना समय रहते जारी करें तथा हूटर और चेतावनी सूचना बोर्ड लगाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने सम्बन्धित विभागों को मानसून में जलभराव एवं बाढ़ की स्थिति होने पर जन-धन की सुरक्षा के लिए पर्याप्त पूर्व प्रबन्ध करने और सभी अधिकारियों को पूरी तरह मुस्तैद रहने को कहा। उन्होंने समस्त उपमण्डलाधिकारी भूसखलन वाले क्षेत्रों, खतरनाक सड़कों को चिन्हित् करें और सड़कों के किनारे तथा विद्युत लाईनों के नजदीक सूखे पेड़ो की सूची उपलब्ध करवाना सुनिश्चित करें। उन्होंने कमाडेंट होमगार्ड से कहा की सर्च और रेसक्यू टीम को तैयार रखे और समस्त एस.डी.एम पर्याप्त मात्रा गाड़ियां अपने पास सुरक्षित रखे ताकि उन्हें आपदा के दौरान प्रयोग में लाया जा सके। उन्होंने आई.पी.एच विभाग को निर्देश दिए की वह जल भण्डारन टैंको और अन्य पेयजल स्त्रोतों को साफ रखने तथा जल निकासी व्यवस्था को सूचारू बनाए ताकि लोगों को स्वच्छ पेयजल आपूर्ति उपलब्ध करवाई जा सके। उन्होंने पेयजल स्त्रोतों का नियमित क्लोरीनेशन करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने शिक्षा विभाग को निर्देश दिए कि स्कूल के पुराने दयनीय हालात वाले भवनों को असुरक्षित घोषित करें और उनमें बच्चों को न बिठाएं। उन्होंने सी.एम.ओ. को निर्देश दिए की वह जलजनित रोगों के बचाव बारे में व्यापक प्रचार-प्रसार सुनिश्चित करें और सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में आपातकालीन चिकित्सा सुविधा प्रदान करने के लिए टीमों को गठन करे। उन्होंने नगर परिषद को निर्देश दिए की वह ज़िला में झाड़ियों की छंटाई और साफ-सफाई सुनिश्चित करें। उन्होंने सभी एस.डी.एम से कहा कि उपमण्डल स्तर तथा पंचायत स्तर पर आपदा प्रबंधन समितियों का गठन करना सुनिश्चित करें और उनके क्षेत्र में बरसात के दौरान होने वाली क्षति की सूचना भी नियमित रूप से भेजें तथा आपदा से पीड़ित लोगों को अस्थाई आसरा देने के लिए स्कूल, सामुदायिक भवन या अन्य भवन भी चिन्हित् करें। उन्होने सम्बन्धित विभागों के अधिकारियों को मानसून पूर्व तैयारियां करने तथा आपदा प्रबंधन से जुडे सभी संसाधनों की सूची बनाने और सभी आवश्यक वस्तुओं एवं राहत बचाव कार्य में उपयोग होने वाले यंत्र व उपकरणों को दुरूस्त रखने के भी निर्देश दिए। इस अवसर पर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार, सीएमओ. डाॅ. प्रकाश दडोच, एस.डी.एम शशीपाल शर्मा, विकास शर्मा, अनिल चैहान, सहायक आयुक्त पूजा चौहान, डी.आर.ओ. देवी राम, अधीक्षण अभियंता आईपीएच. अरविन्द वर्मा, लो.नि.वि. वीएन. पराशर, विद्युत एमएस. गुलेरिया, एसीएफ. सुकल्प शर्मा, पीओ डीआरडीए. संजीत सिंह के अतिरिक्त समस्त विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।