चिकित्सकों पर हो रहे हमलों को लेकर समूचा चिकित्सकीय वर्ग सदमे में
जनवक्ता डेस्क, बिलासपुर
चिकित्सकों पर तिमारदारों द्वारा आए दिन हो रहे जानलेवा हमलों को लेकर समूचा चिकित्सकीय वर्ग सदमे में है। दिन रात जनता की सेवा में तल्लीन सरकारी अस्पतालों के डाक्टरों पर आए दिन हो रहे हमले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। पश्चिमी बंगाल में दो डाक्टरों को पीट पीटकर उन्हें अधमरा किए जाने के कृत्य ने समूचे चिकित्सक वर्ग को झकझोर दिया है। हालांकि सेवाभाव को देखते हुए चिकित्सकों को भगवान का दर्जा दिया गया है लेकिन भीड़ के आगे पीटने भगवान सभ्य समाज के लिए सही नहीं है। चिकित्सक कोई भगवान नहीं इंसान ही है। ऐसे में इस वर्ग की सुरक्षा अब और ज्यादा जरूरी हो गई है। यह बात पश्चिमी बंगाल प्रकरण के बिलासपुर क्षेत्रीय अस्पताल में आयोजित एक बैठक की अध्यक्षता करते हुए हिप्र मेडीकल आफिसर्ज एसोशिएशन बिलासपुर के अध्यक्ष डा. सतीश शर्मा ने कही। इस दौरान सभी चिकित्सकों ने अपने शरीर पर पट्टियां बांध कर घायल होने का सांकेतिक प्रदर्शन कर अपनी आवाज हुकुमरानों तक पहुंचाने का प्रयास किया। इस प्रदर्शन में डा. कुलदीप, डा. पुनीत, डा. परविंद्र, डा. अंकुर, डा. नीरज, डा. दीक्षा, डा. शाहिद, डा. मनवीर, डा. अनुपम, डा. नरेश चौहान, डा. ऋषि , डा. राजेश कुमार आदि शामिल रहे। अध्यक्ष डा. सतीश शर्मा ने बताया कि दिन रात बिना रूके बिना थके चिकित्सक अपने सेवाएं सरकारी अस्पतालों में जनता को दे रहे हैं बावजूद इसके लोग चिकित्सकों को मारने पर उतारू हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि इससे पूर्व हिमाचल ही नहीं बल्कि बिलासपुर में इस प्रकार की घटनाएं सामने आ चुकी है। भय के इस माहौल में चिकित्सकों का काम करना मुश्किल हो रहा है। डा. सतीश शर्मा ने कहा कि सरकार को चाहिए कि वे मेडी पर्सन एक्ट को प्रभावशाली तरीके से लागू करे ताकि इस प्रकार की अपराधिक गतिविधियों पर अंकुश लग सके और चिकित्सक बिना किसी डर के अपना कार्य कर सके। उन्होंने प्रदेश व केंद्र सरकार से मांग की है कि चिकित्सकों होने वाले हमलों पर रोक तथा हमलावरों पर सख्त कार्यवाही होनी चाहिए।