• Fri. Nov 22nd, 2024

बिलासपुर से संबंध रखने वाले जगत प्रकाश नड्डा कुशल रणनीतिकार

Byjanadmin

Jun 18, 2019

जगत प्रकाश नडडा (जेपी) को उनकी मेहनत का परिणाम मिला

सुमन डोगरा
संपादक जनवक्ता बिलासपुर

हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर से संबंध रखने वाले जगत प्रकाश नड्डा (जेपी) कुशल रणनीतिकार माने जाते है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के विश्वासपात्र नड्डा को इस साल संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश का प्रभार सौंपा गया था। उनके नेतृत्व में भाजपा ने यूपी में बेहतरीन सफलता हासिल की। परिणामस्वरूप नडडा को उनकी मेहनत का परिणाम मिला है।

बिहार स्टूडेंट मूवमेंट में 15-16 साल की उम्र में छात्र राजनीति में सक्रिय

जिस वक्त बिहार में स्टूडेंट मूवमेंट चरम पर थाए उस दौर में जेपी नड्डा की उम्र 15-16 साल थी। मगर इसी उम्र में नड्डा ने इस आंदोलन में बढ़.चढ़कर हिस्सा लिया। इसके बाद वह छात्र राजनीति में सक्रिय हुए और एबीवीपी के साथ जुड़े। 1977 में छात्र संघ चुनाव में वह पटना यूनिवर्सिटी के सेक्रेटरी चुने गए। 13 सालों तक वह विद्यार्थी परिषद में ऐक्टिव रहे। संगठन में उनकी काबिलियत को देखते हुए जेपी नड्डा को साल 1982 में उनके पैतृक राज्य हिमाचल प्रदेश में विद्यार्थी परिषद का प्रचारक बना कर भेजा गया। इसके साथ ही उन्होंने हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी से वकालत की पढ़ाई भी शुरू की।

नड्डा के नेतृत्व में हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी में जीती विद्यार्थी परिषद

तेज़ तर्रार जेपी नड्डा हिमाचल के उस दौर के छात्रों में काफी लोकप्रिय हुए। नड्डा के नेतृत्व में हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी के इतिहास में पहली बार छात्र संघ चुनाव हुआ और उसमें विद्यार्थी परिषद को संपूर्ण जीत हासिल हुई। उस दौर में वह 1983-1984 में हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी में विद्यार्थी परिषद के पहले प्रेजिडेंट बने।

कंदरौर छात्र आंदोलन में खूब चमके थे जगत प्रकाश नड्डा

हिमाचल प्रदेश के कंदरौर में हुए छात्र आंदोलन से भी जगत प्रकाश नड्डा खूब चमके थे। यह बात जनवरी 1986 की है। उस समय सरकार ने एक निर्णय लिया कि हायर सेकेंडरी स्कूलों को या तो मैट्रिक या प्लस टू कर दिया जाएगा। उस निर्णय में तय हुआ कि हायर सेकेंडरी शिक्षा प्रणाली को बदला जाए। उस समय गवर्नमेंट हायर सेकेंडरी स्कूल कंदरौर को प्लस टू करने का निर्णय हुआ। लेकिन तत्कालीन विधायक बाबूराम गौतम ने यह तय किया कि कंदरौर और के बजाय पंजगाईं स्कूल को प्लस टू किया जाए। इस बात को लेकर एक बड़ा आंदोलन हुआ जिसकी अगुवाई जगत प्रकाश नड्डा ने की। यह हिमाचल की सियासत में पहला बड़ा कदम था कि जगत प्रकाश नड्डा के नेतृत्व में लोगों ने एनएच शिमला धर्मशाला कंदरौर के पास बंद कर दिया। आंदोलन कई दिनों तक चला और बाद में इस आंदोलन में काफी तेजी पकड़ी। पुलिस और आंदोलनकारियों के बीच में काफी संघर्ष हुआ और बहुत से पुलिसकर्मी इसमें जख्मी भी हुए।

जगत प्रकाश नड्डा विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय महासचिव रहे

1986 से 1989 तक जगत प्रकाश नड्डा विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय महासचिव रहे। 1989 में केंद्र सरकार के भ्रटाचार के खिलाफ नड्डा ने राष्ट्रीय संघर्ष मोर्चा का गठन किया इस आंदोलन को चलाने के लिए उन्हें 45 दिन तक जेल में भी रहना पड़ा। 1989 के लोकसभा चुनाव में जगत प्रकाश नड्डा को भारतीय जनता पार्टी ने युवा मोर्चा का चुनाव प्रभारी नियुक्त किया गया जो देश में युवा कार्यकर्तायों को चुन कर चुनाव लड़ने के लिए आगे लाने का काम करती थी। 1991 में 31 साल की आयु में

नड्डा 1991 में बने भारतीय जनता युवा मोर्चा के अध्यक्ष

नड्डा भारतीय जनता युवा मोर्चा के अध्य्क्ष बने। अपने कार्य काल में नड्डा ने जमीनी स्तर पर लोगों को जोड़ने और ट्रेनिंग देने पर बल दिया। जेपी नड्डा के कार्यकाल में बहुत से युवा पार्टी से जुड़े। उन्होंने कार्यशाला आदि लगाकर युवा वर्ग के भीतर पार्टी की विचारधारा का प्रचार किया । यह उस समय अपने आप में एक नई तरह का प्रयोग था।

अपने पहले ही चुनाव में हिमाचल प्रदेश विधानसभा में बिलासपुर के विधायक

1993 में नड्डा ने चुनावी राजनीति की तरफ रुख किया और अपने पहले ही चुनाव में हिमाचल प्रदेश विधानसभा में बिलासपुर के विधायक के रूप में कदम रखा। इस चुनाव में पार्टी के प्रमुख नेताओं की हार के कारण नड्डा को विधानसभा में विपक्ष का नेता चुना गया। तेज तर्रार और ओजस्वी वक्ता के रूप में नड्डा ने कम विधायकों का साथ होने के बावजूद सरकार को 5 साल तक विभिन्न मुद्दों पर ऐसे घेरा की विपक्ष में होने के बावजूद उन्हें सर्वश्रेष्ठ विधायक चुना गया।

1998 में नड्डा ने स्वास्थय मंत्रालय का कार्यभार संभाला

1998 में हिमाचल प्रदेश में बीजेपी की सरकार बनने पर नड्डा ने स्वास्थय मंत्रालय का कार्यभार संभाला। बाद में 2007 की बीजेपी सरकार में नड्डा वन पर्यावरण और संसदीय मामलों के मंत्री रहे। मंत्रालय और सत्ता से ऊपर संगठन को तवज्जो देने वाले शख्स की छवि रखने वाले नड्डा ने मंत्रालय से इस्तीफा दिया और राष्ट्रीय टीम का रुख किया।

नितिन गडकरी की टीम में राष्ट्रीय महासचिव और प्रवक्ता

वह नितिन गडकरी की टीम में राष्ट्रीय महासचिव और प्रवक्ता रहे।राजनाथ सिंह की टीम में उन्हें दोबारा राष्ट्रीय महासचिव चुना गया। अभी तक वह इसी पद पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं। लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान संगठन की जिम्मेदारी संभालने से लेकर और भी कई काम उन्होंने बखूबी निभाए। टिकट आवंटन के समय भी उनकी योग्यता पार्टी के काम आई। खास बात यह रही कि वह किसी भी खेमे से नहीं जुड़े और बीजेपी का हर धड़ा उनकी संगठन शक्ति का लोहा मानता है।

लो प्रोफाइल रहने वाले नड्डा को बीजेपी के लगभग सभी बड़े नेताओं का समर्थन हासिल

नड्डा छत्तीसगढ़ के भी प्रभारी रहे थे, जहां पर बीजेपी ने तीसरी बार सरकार बनाई। लो प्रोफाइल रहने वाले नड्डा को बीजेपी के लगभग सभी बड़े नेताओं का समर्थन हासिल है। नड्डा के रिश्ते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी काफी अच्छे रहे हैं। एक अखबार में छपी रिपोर्ट के मुताबिक मोदी जब हिमाचल प्रदेश के प्रभारी थे, तब से दोनों के बीच समीकरण काफी अच्छा है। दोनों अशोक रोड स्थित बीजेपी मुख्यालय में बने आउट हाउस में रहते थे।

ताजपोशी की कहानी चित्रों की जुबानी


भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व गृह मंत्री अमित शाह द्वारा जगत प्रकाश नडडा के नाम की घोषणा


प्रधानमंत्री नरेंद्र भाई मोदी की उपस्थिति में नए कार्यकारी अध्यक्ष का स्वागत करते अमित शाह

शाबाश ……. जगत प्रकाश नडडा को बधाई देते हुए कह रहे हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र भाई मोदी


भई ठीक से संभालना विरासत …………… भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व गृह मंत्री अमित शाह नडडा से कहते हुए

बारी बारी सब कर रहे अभिनंदन ………. भूतल परिवहन मंत्री नितिन गडकरी नडडा को बधाई देते हुए

एक नजर में जीवन परिचय

पिता : डॉ. नारायण लाल नड्डा
माता : स्व. कृष्णा नड्डा
जन्म तिथि : दो दिसंबर, 1960
जन्म स्थान : पटना (बिहार)
विवाह : 11 दिसंबर 1991
पत्नी : डॉ. मल्लिका नड्डा
पुत्र : हरीश व गिरीश
स्थायी निवासी : गांव विजयपुर, डाकघर औहर, तहसील झंडूत्ता, जिला बिलासपुर (हिमाचल प्रदेश)
शिक्षा : बीए, एलएलबी
प्रारंभिक शिक्षा : सेंट जेवियर स्कूल, पटना।
स्नातक : पटना कॉलेज
एलएलबी : एचपीयू शिमला

राजनीतिक सफर

 16 वर्ष की उम्र में राजनीतिक सफर शुरू। बिहार में स्टूडेंट मूवमेंट में बढ़-
चढ़कर हिस्सा लिया।
 1977 में छात्र संघ चुनाव में पटना विश्वविद्यालय के सचिव चुने गए।
 1982 में हिमाचल प्रदेश में विद्यार्थी परिषद का प्रचारक बनाकर भेजा गया।
 1983-1984 में हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय (एचपीयू) शिमला से वकालत
की।
 1983 में पहली बार हुए केंद्रीय छात्र संघ (एससीए) चुनाव में एचपीयू में
विद्यार्थी परिषद के अध्यक्ष बने।
 1986 में कंदरौर में नड्डा के नेतृत्व में हुए छात्र आंदोलन से हिला हिमाचल।
 1986 से 1989 तक विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय महासचिव रहे।
 1989 में केंद्र सरकार के भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन की वजह से 45 दिन
तक जेल में रहे।
 1989 में हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा ने भारतीय जनता युवा मोर्चा का
चुनाव प्रभारी नियुक्त किया।
 1991 में भारतीय जनता युवा मोर्चा के अध्यक्ष बने।
 1993 में पहली बार विधायक बने और नेता प्रतिपक्ष चुने गए।
 1998 में दोबारा चुनाव जीते और भाजपा सरकार में स्वास्थ्य मंत्री बने।
 2007 में भाजपा सरकार में वन, पर्यावरण एवं संसदीय मामलों के मंत्री रहे।
 2011 में भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव चुने गए। दिल्ली में कामकाज संभाला।
 2014 में केंद्र सरकार में स्वास्थ्य मंत्री बने।
 2019 के लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश का प्रभार मिला और पार्टी की बड़ी
जीत के नायक बने।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *