शीघ्र इस फरमान को वापिस नहीं लिया तो 25 जून को शिमला में विभागाध्यक्ष का घेराव
जनवक्ता डेस्क, बिलासपुर
हिमाचल प्रदेश अराजपत्रित कर्मचारी संघ का प्रतिनिधि मंडल प्रदेश महासचिव पवन कुमार के नेतृत्व में अरण्यपाल वन वृत बिलासपुर में मिला। इस प्रतिनिधिमंडल ने कुनिहार वन मंडल की कुठाड़ रेंज के तहत दड़वा बीट के वन रक्षक को सरकारी वन संपति की सुरक्षा करने के लिए वन विभाग के विभागाध्यक्ष द्वारा निलंबित करने की घटना का कड़ा विरोध किया है। इस दौरान प्रदेश महासचिव पवन कुमार की अगुवाई मे अरण्यपाल के माध्यम से प्रदेश सरकार को ज्ञापन भी प्रेषित किया गया। प्रैस को जानकारी देते हुए पवन कुमार ने बताया कि संघ ने मांग की है कि इस तुगलकी फरमान को विभागाध्यक्ष तुरंत वापिस ले और पूरे प्रकरण की छानबीन करवाए। यदि वन रक्षक की गलती है तो उसे नियमानुसार दंडित किया जाए। संघ ने अरण्यपाल से मिले आश्वासन पर निर्णय लिया है कि यदि शीघ्र इस फरमान को वापिस नहीं लिया जाता है तो संघ 25 जून को शिमला मुख्यालय में विभागाध्यक्ष का घेराव करेंगे। जिससे पूरे हिमाचल प्रदेश के क्षेत्रीय कर्मचारी भाग लेंगे। उन्होंने मुख्यमंत्री तथा वन मंत्री से भी आग्रह किया है कि इस प्रकार ईमानदारी से सरकारी संपदा की सुरक्षा करने वाले कर्मचारियों को प्रताड़ित होने से बचाने की पहल की जाए ताकि उनका मनोबल बना रहे। उन्होंने बताया कि इस मामले में वन रक्षक का कसूर केवल इतना था कि जहां जनप्रतिनिधि अपने किसी रसूखदार के घर तक बिना नियमों का पालन करते हुए सड़क उनके घर तक पहुंचाना चाहता था जबकि उस व्यक्ति के घर से मुख्य सड़क 50 मीटर है तथा उस सड़क से घर तक उसकी अपनी मलकीयत भूमि है। लेकिन मलकीयत भूमि से जहां से घर की दूरी 50 मीटर है सड़क ले जाने की बजाए सरकारी भूमि जहां से सड़क की लंबाई लगभग डेढ़ किलोमीटर है। इस मार्ग पर चौड़ी पती वाले सैंकड़ों पेड़ खड़े हैं।, से सड़क लेने के लिए आतुर हैं। उन्होंने कहा कि यदि उस सरकारी संपदा को बचाने का सुझाव या नियमों का पालन करने का सुझाव जन प्रतिनिधि को बताना दुर्व्यवहार है तो संघ विभागाध्यक्ष से मांग करता है कि वे लिखित आदेश पारित करें कि कोई भी क्षेत्रीय कर्मचारी किसी भी जनप्रतिनधि द्वारा करवाए जा रहे विकास कार्य को न रोके। चाहे वहां प्रदेश सरकार व विभाग द्वारा बनाए नियमों का पालन करें या न करें। उन्होंने खेद प्रकट करते हुए कहा कि वन रक्षक ने पूरी निष्ठा व ईमानदारी से सरकारी संपदा की सुरक्षा की है, उसे विभागाध्यक्ष द्वारा बिना पक्ष जाने तुगलकी फरमान जारी करते हुए निलंबित कर दिया गया है। जिसे पूरे प्रदेश के वन रक्षकों में आक्रोश की लहर है। इस प्रतिनिधिमंडल में वन वृत अध्यक्ष सुशील कुमार, दाता राम, उपप्रधान प्रदेश वन मंडल प्रधान देशराज सांख्यान, बिलासपुर, कुनिहार वन मंडल प्रधान सोमराज, रूप राम, वन रक्षक कुठाड़(दड़वा) नरेंद्र कुमार आदि मौजूद थे।