नौणी विश्वविद्यालय में आगामी 28 जून से 3 जुलाई तक प्राकृतिक कृषि पर आयोजित होगी कार्यशाला
जनवक्ता डेस्क, बिलासपुर
प्रदेश में चालू वर्ष के दौरान 50 हजार किसानों को सुभाष पालेकर प्राकृतिक खेती कार्यक्रम के तहत लाया जाएगा, जिसमें सिरमौर जिला के 2500 किसान शामिल होगे। यह जानकारी राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने शनिवार को राजगढ़ के दूरदराज गांव बथाऊधार में कृषि विभाग के सौजन्य से सुभाष पालेकर प्राकृतिक खेती पर आधारित एक दिवसीय शिविर के दौरान उपस्थित किसानों को संबोधित करते हुए दी । इससे पहले राज्यपाल द्वारा दीप प्रज्ज्वलित करके शिविर का विधिवत शुभारंभ किया गया। उन्होने कहा कि प्रदेश के किसानों का रूझान सुभाष पालेकर प्राकृतिक खेती के प्रति काफी बढ़ रहा है और मार्च 2019 तक प्रदेश में 2669 किसानों द्वारा 252 हेक्टेयर भूमि पर सुभाष पालेकर प्राकृतिक खेती की जा रही है, जोकि प्रसन्नता का विषय है। उन्होने कहा कि गत वर्ष के दौरान सुभाष पालेकर प्राकृतिक कृषि के तहत 20 किसानों का लक्ष्य के मुकाबले 206 किसानों को लाया गया, जिनके द्वारा 552 बीघा भूमि पर प्राकृतिक खेती की जा रही है । राज्यपाल ने कहा कि प्रदेश के किसानों को सुभाष पालेकर प्राकृतिक कृषि के बारे जानकारी देने के दृष्टिगत आगामी 28 जून से 3 जुलाई तक डॉ. वाई.एस. परमार बागवानी एवं वानिकी विश्वविद्यालय नौणी में छः दिवसीय शिविर का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें पद्मश्री सुभाष पालेकर स्वयं पधारकर किसानों एवं बागवानों को प्राकृतिक खेती बारे जानकारी देगें। उन्होने बताया कि इस शिविर के लिए एक हजार से अधिक किसानों द्वारा अपना पंजीकरण करवा दिया गया है। उन्हांने कहा कि इस प्रकार का शिविर गत माह के दौरान कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर में भी आयोजित किया गया था, जिसमे प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों से आए एक हजार किसानों ने छः दिवसीय शिविर में भाग लिया गया था । उन्होने कहा कि प्राकृतिक खेती में देसी गाय का विशेष योगदान है और प्रदेश सरकार द्वारा देसी गाय के खरीदने पर 25 हजार रुपये का अनुदान देने का प्रावधान किया गया है। उन्होने कहा कि एक देसी गाय के गोबर और गौमूत्र से 30 एकड़ भूमि पर प्राकृतिक खेती की जा सकती है। उन्होने कहा कि सुभाष पालेकर प्राकृतिक कृषि को राज्य में बड़े पैमाने पर विकसित करने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होने कहा कि रसायनिक खेती करने से विशेषकर खाद्यान्न विषाक्त हो गए है और भूमि का उर्वरकता क्षमता भी काफी कम हो रही है तथा रसायनिक खादों से उत्पन्न खाद्यान्न के इस्तेमाल से मनुष्य में अनेक बीमारियां उत्पन्न होने लगी है, जोकि चिंता का विषय है। उन्होने कहा कि वर्ष 2022 तक हिमाचल प्रदेश को रसायनिक खेती से मुक्त बनाने का संकल्प लिया गया है ताकि मनुष्य शुद्ध एंव विषाक्त रहित खाद्यान्न का सेवन कर सके और भूमि की उर्वरकता को पुनः प्राप्त किया जा सके । राज्यपाल ने कहा कि बथाऊधार क्षेत्र प्राकृतिक सौन्दर्य से परिपूर्ण है और इस क्षेत्र में पर्यटन की अपार संभावनाएं मौजूद हैं। उन्होने कहा कि इस क्षेत्र को पर्यटन के मानचित्र पर लाने के लिए उच्चाधिकारियों के साथ एक बैठक की जाएगी और पर्यटन के लिए आधारभूत ढांचा सृजित करने के लिए मास्टर प्लान तैयार किया जाएगा। उन्होने कहा कि फागू बथाऊधार सड़क को पक्का करने के लिए प्रदेश सरकार के साथ मामला उठाया जाएगा, जिसके लिए उपायुक्त सिरमौर को आवश्यक कार्यवाही करने के लिए निर्देश दिए गए हैं। उन्होने कहा कि बथाऊधार स्थित वन विभाग की निरीक्षण कुटीर का पुनरूद्धार करने के लिए भी प्रयास किए जाएगें ताकि इस क्षेत्र में आने वाले पर्यटकों को ठहरने की उचित व्यवस्था हो सके । इस अवसर पर संबोधित करते हुए प्रदेश भाजपा महामंत्री एवं हिप्र राज्य सहकारी बैंक के पूर्व अध्यक्ष चंद्रमोहन ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में प्राकृतिक खेती के लिए राज्यपाल आचार्य देवव्रत द्वारा किए जा रहे प्रयास बहुत सराहनीय है और निकट भविष्य में हिमाचल प्रदेश प्राकृतिक खेती करने वाला देश का पहला राज्य बनेगा और देश के अन्य राज्यों के लिए हिमाचल प्रदेश रोल मॉडल सिद्ध होगा। उन्होंने बथाऊधार को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने के लिए राज्यपाल से मांग करके मामला प्रदेश सरकार के साथ उठाने का आग्रह किया । इससे पहले सुभाष पालेकर प्राकृतिक कृषि के कार्यकारी निदेशक डॉ. राजेश्वर चंदेल ने मुख्य अतिथि का स्वागत किया और सुभाष पालेकर प्राकृतिक कृषि बारे विस्तार से जानकारी दी । इससे पहले राज्यपाल आचार्य देवव्रत द्वारा शिविर में प्राकृतिक कृषि से उत्पादित फल एवं खाद्य पदार्थों पर लगाई गई प्रदर्शनी का अवलोकन किया गया । इस मौके पर उपायुक्त सिरमौर ललित जैन, पुलिस अधीक्षक अजय शर्मा, एसडीएम राजगढ़ नरेश वर्मा, उपाध्यक्ष जिप परीक्षा चौहान, जिप सदस्य शकुंतला प्रकाश चौहानए उप निदेशक कृषि डॉ. राजेश कौशिक, नौणी विश्वविद्यालय के पूर्व उप कुलपति डॉ. जगमोहन चौहान सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी व अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे । सुभाष पालेकर प्राकृतिक कृषि पर आयोजित शिविर में एक हजार से अधिक किसानों ने भाग लिया ।