जनवक्ता डेस्क, बिलासपुर
मुख्य सचिव बी.के. अग्रवाल ने आज यहां प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना प्रभावी ढंग से लागू की जा रही है, जिसके अन्तर्गत स्प्रिंकलर व ड्रिप प्रणाली को प्रोत्साहित किया जा रहा है। उन्होंने उर्वरक मंत्रालय भारत सरकार से अनुरोध किया कि ऐसे घुलनशीन उर्वरक विकसित किए जाएं, जिससे प्रदेश के किसान लाभान्वित होकर कृषि उत्पादन में वृद्धि कर सके। वह आज यहां प्रदेश में किसानों को खादों की उपलब्धता सुनिश्चित करने तथा भारत सरकार द्वारा लागू की गई प्रत्यक्ष लाभ योजना (डीबीटी इन फर्टिलाईजर) की समीक्षा के लिए उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। मुख्य सचिव ने कहा कि खादों के वितरण की निगरानी ऑनलाइन मोबाईल फर्टिलाईजर प्रणाली के माध्यम से की जा रही है। यह योजना उर्वरक मन्त्रालय, भारत सरकार द्वारा 1 फरवरी, 2018 से आरम्भ की गई है, जिसके अन्तर्गत 2129 खाद विक्रेता पंजीकृत है, जिसमें से 1751 विक्रेता ऑनलाईन विक्रय कर रहे हैं तथा बाकी विक्रेताओं को भी जल्दी ही इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध करवाकर इस योजना के अन्तर्गत जोड़ दिया जायेगा। प्रधान सचिव (कृषि) ओंकार चन्द शर्मा ने बताया कि प्रदेश में खरीफ, 2019 के लिए खादों की 48,250 मीट्रिक टन मांग आंकी गई है। जून 2019 तक 22,000 मीट्रिक टन मांग की अपेक्षा 33,500 मीट्रिक टन खादों की उपलब्धता सुनिश्चित कर दी गई है। यूरिया खाद की उपलब्धता भी पूर्ण रूप से सुनिश्चित की गई है। बैठक में कृषि विभाग के निदेशक द्वारा पी.ओ.एस. मशीनों में 3.0 वर्जन लागू होने से विक्रेताओं को पी.ओ.एस. अपडेट करने में हो रही कठिनाइयों तथा खाद स्पलायरज द्वारा परिवहन उपदान पूर्ण रूप से वहन न करने के बारे में अवगत करवाया। सचिव उर्वरक, भारत सरकार द्वारा मामला उर्वरक मन्त्रालय को भेजने बारे कहा। अतिरिक्त मुख्य सचिव, उद्यान विभाग ने भारत सरकार से आग्रह किया कि बागवानों की आवश्यकता अनुसार उर्वरक ग्रेड उपलब्ध करवायें जायें, जिसके लिए सचिव भारत सरकार ने प्रदेश सरकार को इस बारे प्रस्ताव भेजने को कहा। इस बैठक में भारत सरकार के उर्वरक मंत्रालय के सचिव छविलेन्द्र राउल, अतिरिक्त मुख्य सचिव (सहकारिता) निशा सिंह और उद्याग और कृषि विभाग एवं हिमफैड के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया। हिमाचल प्रदेश ओलंपिक एसोसिएशन ने 23 जून को अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक दिवस को धूम धाम से मनाया।