जनवक्ता डेस्क, बिलासपुर
प्रधान सचिव (राजस्व एवं आपदा प्रबंधन) ओंकार चद शर्मा की निगरानी में आज यहां प्रदेश में मौनसून के दौरान संचार व्यवस्था व अन्य आवश्यक सेवाओं को सुचारू बनाए रखने की दृष्टि से एम्रजेंसी संचार ऑपरेशन सेंटर से पूरे राज्य में संचार व्यवस्था को लेकर मॉक ड्रिल की गई।इस अवसर पर ओंकर चंद शर्मा ने कहा कि गत् वर्ष मानसून व बर्फवारी के दौरान संचार व्यवस्था बुरी तरह से प्रभावित हुई थी। उन्होंने कहा कि अनुभवों से से सीख लेते हुए अपातकालिन सुधार के लिए और अधिक सैटेलाईट फोनों की सुविधा जोड़ी गई है। उन्होंने कहा कि राज्य के पास अब कुल 65 सैटेलाईट फोन हैं जिसमें से आपदा प्रबंधन विभाग के पास राज्य, जिला मुख्यालय और दुर्गम क्षेत्रों, उप खण्ड-काजा, उदयपुर, पांगी तथा किनौर के 7 जनजातीय स्थानों में 28 सैटेलाईट फोन उपलब्ध करवाए गए हैं जबकि पुलिस विभाग को 37 आईसैटस उपलब्ध करवाए गए है।प्रधान सचिव ने कहा कि राज्य सरकार ने इन सैटेलाईट फोनों के रखरखाव व आपदा की स्थिति में उपलब्धता के लिए विस्तृत मानव संचालन प्रक्रिया (एसओएस) जारी की है।ओंकार शर्मा ने कहा कि आने वाले समय में राज्य सरकार, प्रज्ञा संगठन (रॉयल एनफील्ड के साथ अपने प्रोजेक्ट के तहत) की सहायता से मनाली-लेह मार्ग में ‘ब्लेक आउट’ जोन पर आठ अतिरिक्त आईसैट फोन जोड़ेगी। उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त दूर-दराज के क्षेत्रों व जनजातीय क्षेत्रों में उपायुक्तों से प्राप्त आवश्यकता के अनुसार उनके सम्बन्धित जिलों में आईसैट फोन उपलब्ध करवाए जाएंगे। मॉक ड्रिल का आयोजन प्रातः 11 बजे से दोपहर 1 बजे तक किया गया जिसमें सभी आईसैट फोन के अलग-अलग स्थानों पर कॉल किया गया तथा मॉक ड्रिल की विस्तृत रिपोर्ट भी तैयार की गई।निदेशक व विशेष सचिव (राजस्व-आपदा प्रबंधन), डी.सी राणा, हिमाचल प्रदेश पुलिस अधीक्षक (सीटीएस) राजेश वर्मा, बीएसएनएल के डीजीएम आर.पी. सिंह और टेलीकाम्युनिकेशन विभाग के एडीजी (सुरक्षा) संजीव मीना भी मॉक ड्रिल की पूरी प्रक्रिया को समन्वित करने के लिए उपस्थित थे।